पशु चिकित्सक डॉ. डी. एन. नागराज ने बुधवार को बताया कि बाघ के शव के ज्यादातर हिस्सों को अन्य जानवर खा चुके थे। बाघ के आंत के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। बाघ की मौत के वास्तविक कारणों का पता विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा।
हालांकि प्रारंभिक जांच बाघों की आपसी लड़ाई की ओर इशारा कर रहे हैं। बाघ के सिर और बाएं पैर में जख्म के गहरे निशान मिले हैं। पांव की एक हड्डी टूटी हुई है। पंजे भी क्षतिगस्त हैं। बंडीपुर टाइगर रिजर्व के निदेशक टी. बालचंद्र और मैसूरु जिला वन्यजीव वार्डन कृतिका ए. ने घटना स्थल का मुआयना किया।