वे रविवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर निम्हांस की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘हमें मानसिक समस्याओं के इलाज के पारंपरिक तरीके को समझने की जरूरत है। हमारे सभी त्योहार मानसिक उपचार का हिस्सा थे। धार्मिक और सामाजिक आयोजनों पर सुबह और शाम की प्रार्थना और हमारी आरती सभी हमारे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हैं। ये परंपराएं मानसिक समस्याओं का इलाज करती थीं। मैं सोच रहा हूं कि क्या हम अपने पाठ्यक्रम में अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में हमारी परंपराओं की भूमिका को शामिल कर सकते हैं?
मंडाविया ने कहा कि विशेषज्ञों को पारंपरिक पारिवारिक संरचना का अध्ययन करना चाहिए। उनके अनुसार इससे कई मानसिक समस्याएं स्वत: ठीक हो जाती हैं। मंडाविया ने सलाह दी कि निम्हांस को अपने छात्रों को शोध करने के लिए कार्य देना चाहिए न कि उन्हें केवल पुस्तकों का अध्ययन करने और परीक्षा में उत्तीर्ण करने तक सीमित करना चाहिए। उन्होंने अफसोस जताया कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली से देश को वह नहीं मिल सका जो मिलना चाहिए था।