टीपू जयंती समारोह को लेकर हुए दंगों से जुड़े मुकदमे वापस होंगे!
बैंगलोरPublished: Dec 16, 2019 09:53:45 am
वर्ष 2015 से वर्ष 2018 के बीच दर्ज हुए सैकड़ों मामले, सत्ता में आते ही येडियूरप्पा सरकार ने रद्द कर दिया टीपू जयंती समारोह
टीपू जयंती समारोह को लेकर हुए दंगों से जुड़े मुकदमे वापस होंगे!
बेंगलूरु. टीपू जयंती समारोह को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों और सांप्रदायिक दंगों से जुड़े 100 से अधिक मामले राज्य सरकार वापस ले सकती है। टीपू जयंती समारोह के दौरान हुए सांप्रदायिक संघर्ष के कारण ये मामले वर्ष 2015 से वर्ष 2018 के बीच दर्ज किए गए।
सत्ता में आते ही बीएस येडियूरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने टीपू जयंती समारोह को रद्द कर दिया जिसे सिद्धरामय्या के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2015 में राजकीय समारोह के तौर पर मनाने का फैसला किया था। तब से टीपू जयंती राज्य के बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच विवाद की जड़ बना हुआ है। इससे हुए सांप्रदायिक संघर्ष में कई लोग मारे गए और कई घायल भी हुए। अब सरकार उन मामलों को वापस लेने पर विचार कर रही है और इसकी प्रक्रिया अंतिम दौर में है।
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा राय मांगे जाने पर अभियोजन और सरकारी मुकदमा विभाग ने एक पत्र लिखकर 14 मामलों पर अपनी राय जाहिर कर दी है। इसके अलावा 120 अन्य मामले भी वापस लिए जाने की संभावना है जो राज्य के कोडुगू, दक्षिण कन्नड़, मंड्या, शिवमोग्गा और दावणगेरे जिलों में दर्ज किए गए। सूत्रों का कहना है कि हाल ही में मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने कई विभागों के सचिवों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और जल्द ही मुकदमे वापस लिए जाने पर निर्णय किया जाएगा। इससे पहले बीएस येडियूरप्पा के सत्ता में आते ही भाजपा विधायक (विधानसभा अध्यक्ष) केजी बोपय्या ने उन्हें पत्र लिखकर मुकदमे वापस लेने का आग्रह किया था। वर्ष 2016 में हुए दंगों में दो लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे।