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पाषाण से परमात्मा बनने का नाम पंचकल्याण-आचार्य देवेन्द्र सागर

locationबैंगलोरPublished: Jun 16, 2021 10:45:57 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

धर्मसभा का आयोजन

पाषाण से परमात्मा बनने का नाम पंचकल्याण-आचार्य देवेन्द्र सागर

पाषाण से परमात्मा बनने का नाम पंचकल्याण-आचार्य देवेन्द्र सागर

बेंगलूरु.आचार्य देवेंद्रसागर सूरी की निश्रा में मंगलवार सुबह राजस्थान जैन मूर्ति पूजक संघ जयनगर में मूलनायक धर्मनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक मनाते हुए संघ के पदाधिकारियों की ओर से शक्रस्तव अभिषेक वृहद शांतिधारा अभिषेक व अष्ट प्रकारी पूजन नियमित रूप से संपन्न हुआ। आचार्य ने कहा कि पाषाण से परमात्मा बनने का नाम पंचकल्याण है। पाषाण से परमात्मा बनाने की पद्घति का नाम पंचकल्याण है। उन्होंने कहा कि पांच ऐसी घटनाएं हैं, जिनके द्वारा जीवों का कल्याण होता है और उसे ही पंचकल्याणक कहा जाता है। ये वो घटनाएं हैं गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान और मोक्ष। ऐसा पुण्यशाली जीव जिसके गर्भ में आते ही जीवों का कल्याण होने लगता है, उसे गर्भ कल्याण कहते हैं। मोक्षकल्याणक एक ऐसा महोत्सव है, जहां पर देहातीत अवस्था की स्तुति, आराधना के रूप में यह कल्याणक होता है।
उन्होंने कहा कि मोह का अंत होते ही मोक्ष मिलता है। मोक्ष के लिए जिसने मोह पर प्रहार किया, उसे उपहार के रूप में सिद्घत्व की प्राप्ति होती है। संसार में संसारी जीव चार गतिरूप में देखा जाता है, लेकिन संसारातीत यदि पांचवीं कोई गति है तो वह सिद्घ गति है। अंत में आचार्य ने कहा की समग्र विश्व आज महामारी की चपेट में है, आज धर्मनाथ प्रभु के मोक्ष कल्याणक के पावन दिन परमात्मा से विश्व के सभी जीवो का कल्याण हो, सर्व जीव निरोगी रहे यही मंगलमय प्रार्थना, अभिषेक के लाभार्थी संघ के पदाधिकारी चंद्रकुमार संघवी, रूपचंद नानेशा, हीरालाल कोठारी, भूरमल गांधी दिनेशकुमार बंदा व नितिन सोनिगरा आदि परिवार उपस्थित थे। रोहित गुरु ने अभिषेक आयोजन का व्यवस्था को सम्भाला।
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