scriptविधानसभा चुनाव से पहले नहीं निपटेगा मामला, समिति ने मांगा छह महीने का समय | Panel on Separate Religion Status for LingayatsVeerashaivas Seeks 6 m | Patrika News

विधानसभा चुनाव से पहले नहीं निपटेगा मामला, समिति ने मांगा छह महीने का समय

locationबैंगलोरPublished: Jan 06, 2018 09:11:33 pm

अलग लिंगायात-वीरशैव धर्म का मसला

 VIDHANSOUDHA
बेंगलूरु. राज्य में लिंगायत और वीरशैव समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने को लेकर चल रहा राजनीतिक विवाद अप्रेल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सुलझने की उम्मीद नहीं है।
पिछले महीने लिंगायत समुदाय को अलग धर्म के तौर पर अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित की गई 7 सदस्यीय समिति की शनिवार को पहली बैठक हुई। कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एच एन नागमोहन दास की अध्यक्षता में गठित समिति को सरकार ने एक महीने में प्रतिवेदन देने के लिए कहा था। समिति ने इस समय को अपर्याप्त मानते हुए सरकार से छह महीने का वक्त देने की मांग करने का फैसला किया।
विधानसौधा सभागार में हुई बैठक के बाद न्यायाधीश दास ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चार सप्ताह का समय पर्याप्त नहीं है, जिस विषय में हम लोग काम कर रहे हैं उसका महत्व व गंभीरता देखते हुए यह देश में अप्रत्याशित विकास है। समिति पर यह बड़ी जिम्मेदारी है और इसे हम उचित और वैज्ञानिका तरीके से करना चाहते हैं।
इस मामले को लेकर समिति के पास राज्य के विभिन्न जिलों के 36 संगठनों, मठों और व्यक्तियों से लिंगायत समुदाय को अलग धर्म घोषित करने की मांग को लेकर ज्ञापन मिले हैं, जिनके तथ्यों की जांच की जा रही है। समिति को इस मामले को लेकर कोई भी व्यक्ति अपना सुझाव दे सकता है। समिति को 25 जनवरी तक ऐसे दस्तावेज पेश किए जा सकते है। समिति बगैर किसी पूर्वाग्रह के ऐतिहासिक साक्ष्यों के साथ प्राप्त होने वाले हर दस्तावेज की समीक्षा करने के पश्चात राज्य सरकार को रिपोर्ट पेश करेगी।
महिला को भी बनाएं सदस्य
समिति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं होने को लेकर उठ रहे सवालों को देखते हुए समिति ने सरकार से एक महिला प्रतिनिधि को भी सदस्य बनाने का आग्रह करने का फैसला किया है।
ये हैं समिति के सदस्य
समिति में सदस्य के तौर पर कन्नड़ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रो एस जी सिद्धरामय्या, मैसूरु विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के मुजफ्फर असदी, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष सी एस द्वारकानाथ, जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के कन्नड़ भाषा पीठ के पुरुषोत्तम बिलीमले, सरजू कटकर और साहित्यकार रामकृष्ण मराठे शामिल हैं।

दर्जे को लेकर राजनीतिक जंग
पिछले कुछ समय से लिंगायत और वीरशैव को अलग धर्म का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। संविधान या कानून में किसी धर्म का को दर्जा देने का प्रावधान नहीं होने के बावजूद पक्ष और विपक्ष के नेता इसे भुनाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। राजनीतिक हलकों में माना जाता है कि मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के राजनीतिक जनाधार को कमजोर करने की कोशिश के तहत दशकों पुरानी इस मांग को हवा दी। शुरुआती दौर में इस मसले को लेकर मौन रही भाजपा अब खुलकर इसके विरोध में आ चुकी है और सिद्धरामय्या व कांग्रेस पर राजनीतिक लाभ के समाज और समुदाय को बांटने का आरोप लगा रही है। हालांकि, सिद्धरामय्या ऐसे आरोपों को खारिज करते रहे हैं।
विभिन्न समुदायों से आने वाले वीरशैव और लिंगायात नेताओं के बीच भी इस मसले को लेकर बयानबाजी का दौर चल रहा है। वीरशैव नेताओं का समूह अलग धर्म के दर्जे की मांग का विरोध कर रहा है। इस समूह में कांग्रेस नेता शामनूर शिवशंकरप्पा, उनके पुत्र व बागवानी मंत्री एस एस मल्लिकार्जुन और स्थानीय निकाय मंत्री ईश्वर खांड्रे शामिल हैं। इन नेताओं का तर्क है कि वीरशैव और लिंगायत एक ही है और इस पंथ को वीरशैव-लिंगायत कहा जाना चाहिए जबकि लिंगायत नेताओं का समूह अलग धर्म की मांग का समर्थन कर रहा है। इस समूह में जल संसाधन मंत्री एम बी पाटिल, खान व भूगर्भ मंत्री विनय कुलकर्णी और उच्च शिक्षा मंत्री बसवराज रायरेड्डी शामिल हैं। इस समूह का तर्क है कि वीरशैव और लिंगायतों के दर्शन अलग-अलग हैं और लिंगायतों को अलग धर्म ही कहा जाना चाहिए। काफी लंबे जद्दोजहद के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने इस मसले पर आगे बढऩे का फैसला किया और राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने २२ दिसम्बर को विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।
मामला अदालत में लंबित
इस बीच, समिति के गठन का मामला अदालत भी पहुंच चुका है। शुक्रवार को इस मसले पर दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश में कहा था कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार कोई कार्रवाई याचिका निस्तारण होने तक नहीं कर सकती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो