कभी रहती थी मारामारी
स्कूल संचालकों के अनुसार आम वर्षों में दिसंबर तक दाखिला प्रक्रिया समाप्त हो जाती है। कई बड़े स्कूल बच्चों व अभिभावकों को ऑनलाइन कैंपस टूर करा रहे हैं। अभिभावक ऑनलाइन ही स्कूल कैंपस का दौरा कर रहे हैं लेकिन फिलहाल दाखिले से बच रहे हैं। कभी इन्हीं स्कूलों में दाखिले के लिए सबसे ज्यादा मारामारी रहती थी।
इस बार कुछ भी स्पष्ट नहीं
मान्यता प्राप्त गैर अनुदानित निजी स्कूल के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश टी. ने बताया कि इस बार कुछ भी स्पष्ट नहीं है। इसलिए ज्यादातर स्कूल दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं कर सके हैं। सबसे पहले किंडरगार्टेन और कक्षा एक में दाखिला देते हैं लेकिन निकट भविष्य में स्कूल फिर से खुल भी जाए तो इन बच्चों का नंबर सबसे बाद में आएगा। वैक्सीन को लेकर भी कोई ठोस जानकारी नहीं है।
एक अन्य स्कूल के प्रधानाध्यापक ने बताया कि दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं कर सके हैं। लेकिन पंजीकरण प्रक्रिया जारी है। ताकि अभिभावकों को स्कूल व दाखिला संबंधित पर्याप्त जानकारी मिल सके।
घटी इन्क्वायरी
दिल्ली पब्लिक स्कूल समूह के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य मंसूर अली खान ने बताया कि इस बार पूछताछ के लिए स्कूल पहुंचने वाले अभिभावकों की संख्या 30 फीसदी तक घटी है। लेकिन वर्चुअल कैंपस टूर जारी है। कई अभिभावक अब भी घर से काम कर रहे हैं और बच्चों को घरों से बाहर नहीं भेजना चाहते हैं। नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी के बच्चों के अभिभावक कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं और ज्यादातर अभिभावक फिलहाल दाखिले के बारे में सोच भी नहीं रहे हैं।