बागवानी विभाग इस स्मार्ट पार्किंग सिस्टम को क्रियान्वित करने की दिशा में आगे बढ़ा है। बागवानी एवं पार्क विभाग के संयुक्त निदेशक जगदीश के अनुसार लाल बाग के मौजूदा पांच एकड़ के पार्किंग स्थल को तारकोल वाली सड़क के बदले नए सिरे से कोबल स्टोन (पत्थर के टुकड़ों से सड़क निर्माण) से उन्नत किया जाएगा। इस हिस्से में राहगीरों के लिए बेहतर फुटपाथ और उन्नत प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी जबकि प्रत्येक वाहन के लिए अलग अलग पार्किंग स्लॉट निर्धारित रहेगा।
पार्किंग चरण की पूरी प्रक्रिया उसी प्रकार की होगी जैसे मॉल में होती है। वाहनों की पार्किंग के लिए डिजिटल टिकट लेना होगा और बिना किसी गार्ड या कर्मचारी की मदद से निर्धारित पार्किंग स्थल पर वे वाहन पार्किंग कर सकेंगें। साथ ही जितना समय उन्होंने पार्किंग में वाहन को रखा उस आधार पर एक शुल्क का भुगतान करना होगा। स्मार्ट पार्किंग प्रणाली विकसित करने की इस योजना पर करीब 75 लाख रुपए खर्च होंगे। पूरी योजना को तीन महीनों में साकार किया जाएगा।
विभाग का कहना है कि तारकोल या कंक्रीट की सड़क बरसाती पानी को भूमि में रिसने नहीं देती जबकि कोबल स्टोन से बरसाती पानी रिसकर जमीन में स्वत: पहुंचता रहता है और जलजमाव भी नहीं होता। डिजिटल पार्किंग से वाहनों को व्यवस्थित रूप से पार्क कराने में सहायता होगी। इससे ग्राहकों को न तो पार्किंग की जगह ढूंढने की परेशानी होगी और ना ही उन्हें लम्बे समय तक पार्किंग के लिए इंजतार करना होगा। स्वचालित रूप से पार्किंग स्लॉटों की स्थिति ज्ञात होगी।
विभाग नहीं करेगा कोई निवेश
नई पार्किंग व्यवस्था को उन्नत करने के लिए विभाग कोई निवेश नहीं करेगा। इसके लिए विभाग को विभिन्न कंपनियों का सीएसआर फंड मिलेगा। कॉरपोरेट कंपनियों के सीएसआर के माध्यम से इसे विकसित किया जाएगा और पर्यटकों को अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा।