अपने-अपने गढ़ में कायम रहा पार्टियों का जलवा
अपने-अपने गढ़ में कायम रहा पार्टियों का जलवा
बेंगलूरु. शहरी निकाय चुनाव में प्रादेशिक स्तर पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही रहा है और अपने गढ़ के बाहर जद-एस कोई खास प्रभाव नहीं दिखा पाया। भाजपा ने बागलकोट, बेलगावी, चामराजनगर, चित्रदुर्गा, दक्षिण कन्नड़, उडुपी, दावणगेरे तथा शिवमोग्गा जिले में अधिक सीटों पर जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस ने यादगीर, रायचूर, बल्लारी, बीदर, हावेरी, कलबुर्गी कोप्पल में अधिक सीटों पर जीत हासिल की है। हासन,मंड्या तथा तुमकूर जिलों में जद-एस का वर्चस्व रहा। इसी तरह विजयपुर, गदग तथा उत्तर कन्नड़ जिले में भाजपा व कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर रही है जबकि मैसूरु जिले में कांग्रेस व जद-एस के बीच कड़ा मुकाबला रहा। भाजपा ने बागलकोट जिले की ३१२ में १६१ वार्डों में जीती। बेलगावी जिले के ३४३ वार्डों में से भाजपा १०४ सीटों पर जीती जबकि कांग्रेस सिर्फ ८५ सीटें ही मिलीं। जिले में दबदबा तो निर्दलीय उम्मीदवारों का रहा जिनके खाते में १४४ सीटें गईं। जद-एस को सिर्फ १० सीटें मिलीं। मुंबई-कर्नाटक के गदग जिले की १२३ सीटों में से कांग्रेस को ५७ और भाजपा को ५४ सीटें मिली। जद-एस को २ और निर्दलियों के खाते में १० सीटें गईं। चामराजनगर जिले में परंपरागत तौर पर कांग्रेस से कमजोर होने के बावूजद भाजपा चामराजनगर नगर परिषद में बहुमत हासिल करने में सफल रही। कोलेगल नगर परिषद में कांग्रेस और बसपा को मिलकर बहुमत का आंकड़ा छूने की स्थिति मेंं हैं। तटवर्ती इलाके उत्तर कन्नड़ जिले में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा। कांग्रेस ने जिले की २०० सीटों में से ८७ सीटें जीती जबकि भाजपा को ८५ सीटें मिली। मई में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिले के साथ ही तटवर्ती इलाके में बढ़त हासिल की थी। जिले की ६ में से सिर्फ २ विधानसभा सीटों पर ही कांग्रेस जीती थी। दक्षिण कन्नड़ व उडुपी जिले के ७ में से ४ निकायों में भाजपा को सफलता मिली है। कांग्रेस तीन निकायों में एसडीपीआइ की मदद से सत्ता हासिल कर सकती है।