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अस्पतालों को मिलेगी मैली चादर व यूनिफॉर्म से मुक्ति

locationबैंगलोरPublished: Oct 19, 2019 08:50:07 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

उद्देश्य मरीजों को कपड़े और चादर से फैलने वाले संक्रमण से निजात दिलाना है। ट्रॉमा व आपातकालीन देखभाल केंद्र में साफ-सफाई का बेहद ख्याल रखना होता है। इससे संक्रमण का खतरा कम होता है। मरीजों को अब हर दिन साफ और प्रेस किए गए कपड़े मिलेंगे।

अस्पतालों को मिलेगी मैली चादर व यूनिफॉर्म से मुक्ति

अस्पतालों को मिलेगी मैली चादर व यूनिफॉर्म से मुक्ति

– विक्टोरिया के बाद सभी सरकारी अस्पतालों में लगेंगी मशीन

बेंगलूरु.

सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने वाले मरीजों को मैले-कुचैले चादर व रोजाना पहनने वाले यूनिफॉर्म से मुक्ति मिलेगी। संक्रमण (Infection) का खतरा कम होगा। प्रदेश के सबसे बड़े और पुराने विक्टोरिया सरकारी अस्पताल (Victoria Government Hospital) के ट्रॉमा व आपातकालीन देखभाल केंद्र में मरीजों के कपड़े और चादर हाथ से धोने की प्रणाली अब पूरी तरह से स्वचालित हो गई है। यहां स्वचालित लॉन्ड्री (Laundry) मशीन में कपड़े (Cloth) धुल रहे हैं।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. अश्वथ नारायण ने प्रदेश और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत सभी सरकारी अस्पतालों में यह व्यवस्था लागू करने की इच्छा जताई है। निकट भविष्य में इसका क्रियान्वयन संभव है। केंद्र के विशेष अधिकारी डॉ. एस. बालाजी पई (Dr. S. Balaji Pai) ने बताया कि विक्टोरिया यह व्यवस्था लागू करने वाला प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल है। इसका उद्देश्य मरीजों को कपड़े और चादर से फैलने वाले संक्रमण से निजात दिलाना है। ट्रॉमा व आपातकालीन देखभाल केंद्र में साफ-सफाई का बेहद ख्याल रखना होता है। इससे संक्रमण का खतरा कम होता है। मरीजों को अब हर दिन साफ और प्रेस किए गए कपड़े मिलेंगे।

रोजाना 200 चादर, 200 तकिए के खोल और करीब 300 मरीजों के कपड़े मशीन से धुल रहे हैं। बेंगलूरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के माइक्रोबायोलॉजिस्ट असीमा बानू ने बताया कि इस बात पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि मरीजों, कर्मचारियों के कपड़े अलग-अलग मशीनों में धुलें। चादर और तकिए के कवर के लिए भी अलग मशीन है। लॉन्ड्री में कपड़े पहुंचने के बाद कीटाणुशोधन प्रक्रिया के तहत कपड़ों को हाइपोक्लोराइट घोल में भिगोया जाता है। इसके बाद कपड़ों को धोया जाता है। कर्मचारी हर सुबह आठ बजे कपड़ों को संबंधित मरीजों तक पहुंचा देते हैं। दूसरा दल गंदे कपड़ों को लॉन्ड्री पहुंचाता है।

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