उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का जन्म नागरिकों के बीच होता है। जिनके पास धन है, वे अपना काम कराने के लिए रिश्वत देते हैं। जिसके पास धन नहीं, सरकारी कार्यालयों में उसका काम जानबूझ कर रोका जाता है। नागरिकों को रिश्वत मांगने वाले सरकारी कर्मचारियों को पकड़ कर पुलिस के हवाले करने का अधिकार है। अगर नागरिक ऐसा करेंगे तो सरकारी कर्मचारियों में भय पैदा होगा और बिना रिश्वत दिए भी काम हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति नागरिकों की सेवा के लिए होती है। सरकार उन्हें हर माह वेतन, आवास, भत्ते और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराती है। फिर भी उन्हें हमेशा लालच रहता है। सरकारी कर्मचारी डरेंगे तो सभी समस्याएं और नागरिकों के काम समय से पहले पूरे होंगे। उन्होंने कहा कि हर विभाग में भ्रष्टाचार है। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार शिक्षा, राजस्व, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में होता है। स्वास्थ्य विभाग मेंं शव लेने के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से देश की तरक्की प्रभावित हो रही है। यह एक दीमक की तरह प्रशासन को अंदर से खोखला करता है।
शेट्टी ने कहा कि नए लोकायुक्त पुलिस अधिकारियों को चाहिए कि वे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर ठोस सबूत पेश करें ताकि अभियुक्तों को सजा मिले। कई लोग भ्रष्टाचार की शिकायत तो दर्ज कराते हैं, लेकिन न्यायालय में बयान देने नहीं पहुंचते। इस कारण आरोपी असानी से बच जाते हैं। उन्होंने कहा कि कई मामलों में रिकार्ड की गई आवाज को सबूत के तौर पर पेश किया नहीं जा सकता। न्यायालय में इसकी कोई उपयोगिता नहीं है। इसलिए अन्य सबूत पेश करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के सबूत एकत्रित करने में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की प्रमुख भूमिका होती है। बेंगलूरु एफएसएल में कई पद रिक्त हैं। यहां तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त सिपाहियों को नियुक्त करने की जरूरत है। उन्होंने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि एफएसएल को मूलभूत सुविधाएं और आधुनिक सुविधाओं के साथ तकनीकी सुविधा की भी जरूरत है।
इस अवसर पर पूर्व न्यायाधीश जगन्नाथ शेट्टी ने कहा कि एफएसएल में 280 पद रिक्त हैं। अनुभवी सिपाहियों को विशेष प्रशिक्षण देकर एफएसएल के लिए नियुक्त करना होगा। सरकारी एफएसएल में सुविधाएं नहीं होने से निजी एफएसएल की सेवा लेनी पड़ती है। इससे कई अवसर पर खुफिया बातें उजागर होजाती हैं। इसलिए निजी एफएसएल की सेवा लेना बन्द करने की जरूरत है।
इस अवसर पर लोकायुक्त-1 सुभाष बी.अदि, लोकायुक्त-2 एन.आनंद और पूर्व न्यायधीश ए.एन.चंद्रशेखर उपस्थित थे।