अदालत ने कहा कि अधिकारियों को विभिन्न प्रतिष्ठिानों, होटल, रेस्तरां, अपार्टमेंट का निरीक्षण करना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओक और न्यायाधीश अरविंद कुमार की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि बेंगलूरु के कई बड़े रिहायशी कॉम्पलेक्सों के लोग वहां होने वाले आयोजनों के कारण संक्रमित हुए हैं।
होटल और रेस्तरांओं में दिशा-निर्देशों का पालन नहीं होने की शिकायतें हैं। ऐसे में राज्य सरकार और पालिका के अधिकारियों को दिशा-निर्देशों के पालन का जायजा लेने के लिए प्रतिष्ठानों और कॉम्पलेक्सों का औचक निरीक्षण करना चाहिए।
अदालत ने सरकार और पालिका को 23 मार्च और 2 अप्रेल को जारी आदेश के उल्लंघन के मामले में उठाए गए कदमों की जानकरी देने के भी आदेश दिए। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमृतेश ने कहा कि फिल्म उद्योग के ज्ञापन पर सरकार ने 6 अप्रेल तक सिनेमाघरों को शत-प्रतिशत सीट क्षमता के साथ फिल्मों के प्रदर्शन की अनुमति दे दी।
इसके बाद जिमों को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालन की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह अन्य क्षेत्रों से जुड़े संगठन भी सरकार को ज्ञापन देते हैं और सरकार उन्हें स्वीकारती है तो पाबंदियों का क्या औचित्य रह जाएगा।
इस अदालत ने सरकार को पाबंदियों से जुड़े संशोधित आदेश पेश करने के निर्देश दिए। मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रेल को होगी। गौरतलब है कि मंगलवार को बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका के अधिकारियों ने कोरोना नियमों का पालन नहीं करने पर एक सुपरमार्केट और चार रेस्तरांओं को अलग-अलग इलाकों में बंद कराया था।