राज्य में वर्ष 2008 से निर्वाचित दो सरकारों ने महादेवपुरा क्षेत्र के विकास की अनदेखी की। कांग्रेस और गठबंधन सरकार के दौरान महादेवपुरा के लिए पर्याप्त फंड आवंटन नहीं हुआ है और ना ही सरकार ने विकास योजनाएं क्रियान्वित की। इसी के परिणाम स्वरूप कई योजनाएं आज तक रुकी हुई हैं। राज्य में येडियूरप्पा के मुख्यमंत्री बनने के बाद पिछले दो महीनों में महादेवपुरा के विकास के लिए 470 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
अरविंद लिम्बावली, भाजपा विधायक, महादेवपुरा
महादेवपुरा जोन के नागरिकों ने 2015 में भी विकास कार्यों की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। लेकिन, नजीता कुछ नहीं निकला। यहां तक कि पिछले कुछ वर्षों में वाइटफील्ड, वरतूर, महादेवपुरा, आइटीपीएल, मारथहल्ली आदि क्षेत्रों की जनसंख्या बढ़ गई लेकिन सडक़ें तथा अन्य सुविधाओं में कोई बदलाव नहीं आया। विशेषकर नए बसे इलाकों में कई जगहों पर आज पक्की सडक़ें नहीं बनी है।
तीन दिन पहले बाल बाल बचे 36 छात्र
प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने कहा कि विकास कार्यों की अनदेखी के कारण ही तीन दिन पहले ३६ विद्यार्थियों की जान बाल बाल बची। वरतूर-गुंजूर रोड से गुजर रही एक बस पर पेड़ गिरने से 36 बच्चों की जान पर बन आई थी। बाद में पता चला कि जलबोर्ड ने सडक़ पर पाइपलाइन बिछाने के लिए खुदाई की थी जिससे पेड़ की जड़ें क्षतिग्रस्त हो गई थी और पेड़ उखड़ गया। इसी वजह से प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थी भी शामिल रहे।