सिद्धरामय्या ने हुब्बल्ली में कहा कि राज्य में ऑपरेशन कमल को जन्म देने वाली भाजपा है। येड्डियूरप्पा ने साल 2008 में अपनी कुर्सी मजबूत करने के लिए पहली बार विपक्षी विधायकों की खरीद-फरोख्त कर उनसे इस्तीफे दिलाए और अपनी सत्ता बचाई थी।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन कमल को राज्य की जनता पसंद नहीं करती और अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसके लिए सबक सिखाएगी। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस का कोई भी विधायक ऑपरेशन कमल के प्रलोभन में आकर पार्टी नहीं छोड़ेगा, ना ही कोई भाजपा में शामिल होगा। भाजपा नेताओं को प्रजातांत्रिक व्यवस्था पर यकीन ही नहीं है। उन्होंने कहा कि येड्डियूरप्पा दोबारा मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं वह कभी पूरा नहीं होगा। वैसे भी उनकी उम्र हो चुकी है। राज्य की जनता ने भाजपा को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है, लेकिन वे विपक्ष में बैठकर काम करना ही नहीं चाहते। राजनीतिक प्रतिबद्धता नहीं होने के कारण वे ऑपरेशन कमल का विफल दुस्साहस कर रहे हैं और मुंह की खा रहे हैं।
सिद्धरामय्या ने कहा कि भाजपा को अपने ही विधायकों पर यकीन नहीं है इसी कारण उन्होंने विधायकों को हरियाणा के होटल में नजरबंद कर रखा है। येड्डिरप्पा के कारण ही ऑपरेशन कमल शब्द का इस्तेमाल हो रहा है। कांग्रेस में कोई असंतोष नहीं हैं और तमाम समस्याएं दूर हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि फिलहाल मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। पार्टी ने किसी असंतुष्ट विधायक को मंत्री पद देने का भरोसा नहीं दिलाया है। उन्होंने दावा किया कि शुक्रवार को होने जा रही कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी विधायक उपस्थित रहेंगे।