बीएमआरसीएल को प्रतिदिन एक करोड़ रुपए का नुकसान
- मेट्रो रेल में महज 20 प्रतिशत यात्री
- सरकार से मांगनी पड़ेगी सहायता

बेंगलूरु. कोविड-19 महामारी के कारण मेट्रो रेल का परिचालन करने वाले बेंगलोर मेट्रो रेल कारपोरेशन (Bangalore Metro Rail Corporation) को प्रतिदिन एक करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। ऐसा लगता है कि नुकसान की भरपाई के लिए निगम को अब राज्य सरकार से सहायता मांगनी पड़ेगी।
निगम की हाल ही जारी रिपोर्ट के अनुसार कुल 170 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसका कारण यात्रियों की संख्या में कमी के साथ ही पार्किंग शुल्क जैसे राजस्व के अन्य स्रोतों में आई गिरावट है। इस साल अप्रेल से अगस्त के बीच में मेट्रो रेल की सेवा के साथ ही आय भी ठप रही थी। लॉकडाउन के दौरान पार्किंग की जगह आदि के लिए निगम को रियायत भी देनी पड़ी। मेट्रो की सेवाएं चरणबद्ध तरीके से सात सितम्बर से बहुत कम यात्रियों के साथ शुरू हुईं।
अधिकारियों पर राजस्व का दबाव
निगम को बढ़ते नुकसान और देनदारियों के कारण अधिकारियों पर राजस्व का दबाव है। निगम के प्रबंध निदेशक अजय सेठ के अनुसार ब्याज भुगतान को मिलाकर निगम का एक साल का नुकसान 325 करोड़ रुपए के आसपास होगा। वर्तमान में मेट्रो में यात्रियों की कुल क्षमता के महज 20 प्रतिशत यात्री मेट्रो की सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।
पिछले साल टिकट से 376.88 करोड़ रुपए की आय
निगम को इस साल जहां भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है वहीं पिछले साल, कम्पनी की वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार टिकट से निगम को 376.88 करोड़ रुपए की आय हुई। जबकि विज्ञापनों के जरिए 41.2 करोड़ रुपए की आय हुई। पिछले साल निगम का परिचालन खर्च 379.12 करोड़ रुपए रहा। पिछले साल हुई आय का उपयोग कर्ज के भुगतान में किया गया।
कम्पनी की रिपोर्ट के अनुसार पर्पल लाइन पर कुल मेट्रो यात्रियों में से लगभग 64 प्रतिशत व ग्रीन लाइन पर कुल यात्रियों से 57 प्रतिशत स्मार्ट कार्ड का उपयोग करते हैं। रिपोर्ट में निगम की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया गया है।
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