इससे पहले करणी सेना की अगुवाई में राज पूत समाज कर्नाटक, महाराणा प्रताप नव युवक मंडल, राजपूत सभा बसंतनगर, कर्नाटक रक्षणा वेदिके,बजरंग दल, राजपूत परिषद, विश्व क्षत्रिय महासंस्थान, क्षत्रिय महासभा से जुड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ता बुधवार सुबह टाउन हाल के समक्ष एकत्रित हुए। यहां से ‘स्वाभिमान पद यात्रा’ शुरु हुई जो फ्रीडम पार्क जाकर सभा में तब्दील हो गई। पदयात्रा में शामिल लोग फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर नारे लगा रहे थे।
फ्रीडम पार्क पहुंच कर पदयात्रा सभा में तब्दील हो गई। पदयात्रा में शामिल कई लोग अपनी पारंपरिक क्षत्रिय वेशभूषा में थे। सभा को संबोधित करते हुए करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह ने कहा कि राजघरानों में रानियों के नृत्य करने की परम्परा नहीं थी। पद्मावती फिल्म में घूमर गाने में नृत्य करते हुए दिखाया गया है, इसे बर्दाश्त नही किया जाएगा। पूर्वजों के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, इतिहास के साथ खिलवाड़ करना है।
साध्वी देवा ठाकुर ने कहा कि पहले के जमाने में तलवार के दम राज किया जाता था, अब लोकतंत्र में कलम से राज चलता है। इसलिए क्षत्रिय समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढऩा होगा। अखिल भारतीय एकता मंच के अध्यक्ष उदय कुमार सिंह ने कहा कि मेवाड़ का इतिहास गौरवशाली है। यहां कई रणबांकुरे हुए हैं। इस गौरवशाली इतिहास के साथ की जा रही छेड़छाड़ को बर्दाश्त नही किया जाएगा। करणी सेना की शहर इकाई अध्यक्ष भंवरसिंह ने बताया कि विभिन्न संगठनों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल, मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन देकर पूरे राज्य में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग करेगा।