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जल बंटवारे का स्थायी समाधान

locationबैंगलोरPublished: May 07, 2019 09:05:15 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार की घोषणा: महाराष्ट्र और कर्नाटक सहमत

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जल बंटवारे का स्थायी समाधान

दोनों राज्य एक-दूसरे को अलग-अलग मौसम में छोड़ेंगे 4-4 टीएमसी फीट पानी
बेंगलूरु. जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार को घोषणा की कि कर्नाटक सरकार सैद्धांतिक रूप से पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के साथ पानी के बंटवारे के लिए एक स्थायी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की महाराष्ट्र की मांग को स्वीकार करती है।
उन्होंने बेलगावी में बेलगावी, विजयपुर, बागलकोट आदि जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ महाराष्ट्र की मांग पर समीक्षा बैठक की और बाद में राज्य सरकार की सैद्धांतिक स्वीकृति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की मांग है कि विजयपुरा तालुक में तुबची बाबलेश्वर लिफ्ट सिंचाई योजना से सांगली जिले के जट्ट तालुक तक 4 टीएमसी फीट पानी छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि मांग के अनुसार रबी फसलों के दौरान 2 टीएमसी फीट पानी और खरीफ सीजन में 2 टीएमसी फीट पानी महाराष्ट्र को देना है। उन्होंने कहा कि बदले में, महाराष्ट्र गर्मियों में राजापुर बैराज से कृष्णा नदी में 4 टीएमसी पानी कर्नाटक के लिए छोड़ेगा।
शिवकुमार के अनुसार वर्ष 2004 से ही महाराष्ट्र गर्मी के दिनों में कर्नाटक को पानी छोड़ रहा है। राज्य सरकार इसके लिए पैसे दे रही थी। हालांकि, पिछले दो वर्ष से महाराष्ट्र पैसे लेने के बजाय पानी के लिए पानी देने की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा चूंकि महाराष्ट्र विजयपुरा से अपनी सीमा पर पानी चाहता है इसकी संभावनाओं के अध्ययन के लिए पेशेवरों की एक तकनीकी समिति बनाई जाएगी जो एमओयू पर हस्ताक्षर करने से पहले इसके पक्षधर एवं विरोधी दोनों पक्षों की राय जानेंगे। दोनों राज्यों में पानी के बंटवारे का मुद्दा काफी पुराना है।

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