बेंगलूरु. विधानसौधा, कब्बन पार्क, लालबाग सहित शहर के कई इलाकों में तबेबुइया के फूल इन दिनों गुलाबी रंगत बिखेर रहे हैं। इनकी छटा देखते ही बन रही है। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान अंग्रेजों ने मेक्सिको और वेनेजुएला जैसे देशों से इनके पेड़ों के लिए बीज लाकर यहां रोपा था। शहर की कई झीलों के किनारे इनकी खूबसूरती देखी जा सकती है। हर साल फरवरी, मार्च और अप्रेल के माह में इन पेड़ों पर बहार आ जाती है और इनके फूल जब तक टहनिनयों पर रहते हैं तब तक पेड़ों की शोभा बढ़ाते हैं और जब जमीन पर पड़ते हैं तो एक गुलाबी चादर सी बिछ जाती है। अपनी खूबसूरती के साथ ही तबेबुइया के यह फूल यह मधुमक्खियों के भोजन के सबसे महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक हैं।
बेंगलूरु. विधानसौधा, कब्बन पार्क, लालबाग सहित शहर के कई इलाकों में तबेबुइया के फूल इन दिनों गुलाबी रंगत बिखेर रहे हैं। इनकी छटा देखते ही बन रही है। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान अंग्रेजों ने मेक्सिको और वेनेजुएला जैसे देशों से इनके पेड़ों के लिए बीज लाकर यहां रोपा था। शहर की कई झीलों के किनारे इनकी खूबसूरती देखी जा सकती है। हर साल फरवरी, मार्च और अप्रेल के माह में इन पेड़ों पर बहार आ जाती है और इनके फूल जब तक टहनिनयों पर रहते हैं तब तक पेड़ों की शोभा बढ़ाते हैं और जब जमीन पर पड़ते हैं तो एक गुलाबी चादर सी बिछ जाती है। अपनी खूबसूरती के साथ ही तबेबुइया के यह फूल यह मधुमक्खियों के भोजन के सबसे महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक हैं।