मोदी ने मेंगलूरु की 17 वर्षीय भरतनाट्यम नर्तकी और बाल पुरस्कार विजेता रेमोना इवेटे परेरा (Remona Evette Pereira) से करीब पांच मिनट तक वार्तालाप किया। विपरित परिस्थितियों व तमाम बाधाओं के बावजूद मां के सहयोग से सफलता हासिल करने वाली परेरा की उपलब्धियों को सराहा। परेरा जैसी युवाओं को देश का बताते हुए उसकी उपलब्धियों को तपस्या बतलाया।
जब प्रधानमंत्री ने कहा कि परेरा के परिवार ने बहुत संघर्ष किया होगा, तो परेरा ने उन्हें बतलाया कि उसने अपने पिता को छोटी उम्र में ही खो दिया था। मां ने उसे और उसके भाई को बड़ी मुश्किल से पाला है। यह सुनकर प्रधानमंत्री ने कहा कि वे उसकी मां का सलाम करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें ज्ञात हुआ है कि परेरा ने तीन वर्ष की उम्र से ही भरतनाट्यम (.Bharatnatyam) का अभ्यास शुरू कर दिया था। प्रधानमंत्री ने उससे यह भी पूछा कि कला की ओर वह कैसे आकर्षित हुई।
मां के जुनून ने किया प्रेरित
परेरा ने प्रधानमंत्री को बताया कि बेटी को एक महान नर्तकी बनाने के लिए उसकी मां के जुनून ने उसे प्रेरित किया। वह मां और परिवार की ऋणी है। वह भारतीय संस्कृति की समृद्धि को दुनिया भर में फैलाने के लिए प्रयासरत रहेगी। बातचीत के दौरान परेरा की मां और भाई भी उपस्थित था।
पेररा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉड्र्स, भारत बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स और गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड-लंदन में दर्ज है। वह राज्य स्तर पर बाल गौरव प्रशस्ति 2021 और जिला स्तर पर आसाधारण प्रतिभा पुरस्कार 2017 की विजेता की विजेता रही है। उसने देश के16 राज्यों में भरतनाट्यम का प्रदर्शन किया है और 20 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
गरीब बच्चों को नि:शुल्क किताबें मुहैया करा अभिनव ने जीता दिल
सामाजिक सेवा वर्ग में 12वीं कक्षा के अभिनव कुमार चौधरी (Abhinav Kumar Chaudhary) को प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अभिनव ने बताया कि सीमित समय के कारण प्रधानमंत्री से बातचीत का अवसर नहीं मिला। लेकिन, यह जीवन के यादगार दिनों में से एक है। प्रधानमंत्री से पुरस्कार लेना और वर्चुअती सम्मानित होना अपने आप में एक बड़ी बात है।
अभिनव मूल रूप से यूपी के मुरादाबाद का निवासी है और बेंगलूरु के नवोदय विद्यालय का छात्र है। अभिनव ने एक ई-कॉमर्स साइट बनाई है। इसके जरिए वह जरूरतमंद बच्चों को पुरानी किताबें नि:शुल्क मुहैया कराता है। इसी काम के लिए उसे यह सम्मान मिला। अभिनव के पिता किसान हैं।
अभिनव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान वह नवोदय विद्यालय से जब घर आया तो किताबें खरीदने में बहुत दिक्कत हुई। उतने पैसे भी नहीं थे। उस समय उसने अपने से नीचली कक्षा के छात्र को अपनी पुरानी किताबें दे दी और खुद एक वरिष्ठ साथी की पुरानी किताबों से पढ़ाई की। यहां से लगा कि क्यों न इसे बड़े पैमाने पर ऑनलाइन किया जाए। यहीं से ई-कॉमर्स साइट के बारे में ख्याल आया।
अभिनव ने स्कूल के शिक्षकों व साथियों की मदद से बुक बैंक बनाया। परिवार और जानकारों के साथ ही नवोदय विद्यालय के पढ़ाई पूरी कर चुके अन्य बच्चों ने भी इस काम में सहयोग किया। दो वर्ष में जरूरतमंद बच्चों को 10 हजार किताबें बांट चुके अभिनव का सपना आइआइटी से कम्प्यूटर इंजीनियर बनना है।
शास्त्रीय संगीत में देश को ख्याती दिलाना चाहता है अहमद
कला एवं संस्कृति श्रेणी में कर्नाटक के (Syed Fateen Ahmed) सैयद फतीन अहमद (14) को भी प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया।
सैयद ने पश्चिमी शास्त्रीय पियानो बजाने में अपनी प्रतिभा साबित की है। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पियानो प्रतियोगिताएं अपने नाम कर चुका सैयद संगीत में डिप्लोमा प्राप्त करने वाला सबसे कम उम्र के प्रमाणित भारतीय बच्चों में से एक है। यूनेस्को विश्व कला दिवस के लिए भी प्रदर्शन कर सुके सैयद ने बताया कि वह भारत को शास्त्रीय संगीत में विश्व पटल पर लाना चाहता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार उसके लिए बेहद अहम है। बेंगलूरु मध्य से लोकसभा सदस्य तेजस्वी सूर्य ने अहमद से मुलाकात कर उसे बधाई दी।