सूत्रों के अनुसार उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह करोड़ किसानों के बीच 12,000 करोड़ की रकम जारी करेंगे। सूत्रों ने बताया कि किसानों को दिसंबर महीने की 2,000 रुपयों की किश्त नहीं मिली है। सरकार की योजना किसानों को नए साल पर एक साथ ही पूरी रकम देने की है।
इस वित्त वर्ष की यह आखिरी किश्त होगी। इस किश्त में 6.5 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा। इतने किसानों का डेटा उनके आधार से जुड़े बैंक अकाउंट के साथ वेरिफाई कर लिया गया है।
सरकार की इस योजना में 14 करोड़ किसानों को फायदा मिलने का अनुमान है। केंद्र ने 29 दिसंबर तक लगभग 9.2 करोड़ किसानों का डेटा इकट्ठा कर चुकी है। उत्तर प्रदेश में कुल 2.4 करोड़ किसान हैं, जिनमें से 2 करोड़ किसानों का डेटा इकट्ठा हो चुका है। इस स्कीम में बस पश्चिम बंगाल के किसानों का डेटा शामिल नहीं है, क्योंकि यहां की ममता बनर्जी की सरकार ने किसानों का डेटा साझा करने से मना कर दिया है।
इस योजना के शुरू होने के बाद से 30 नवंबर, 2019 तक केंद्र सरकार ने 35,955.66 करोड़ रुपए की रकम पहली किश्त में 7.62 करोड़ किसानों, दूसरी किश्त में 6.5 करोड़ और तीसरी किश्त में 3.86 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर चुकी है। अकेले इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने 6,000 करोड़ ट्रांसफर किया है।
बता दें कि पीयूष गोयल ने अपने वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान अपने अंतरिम बजट में इस डायरेक्ट-बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम का ऐलान किया था। इस योजना में 12 करोड़ छोटे और मार्जिनल किसानों (जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन हो), उन्हें तीन किश्तों में 2,000-2,000 करके साल भर में 6,000 रुपए की रकम देने की योजना थी। हालांकि, इस साल दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के बाद सरकार ने इसमें हर किसान को स्कीम का फायदा देने का फैसला किया।