सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की पड़ताल से पता चला है कि मंसूर खान दुबई से करीब 120 किलोमीटर दूर समुद्र तटीय शहर रास-अल-खैमाह में एक शानदार फ्लैट में परिवार के दस सदस्यों के साथ ठहरा है। मामले की जांच कर रही एसआइटी ने रॉ से मंसूर का पता लगाने में सहयोग का अनुरोध किया था।
रॉ ने दुबई पुलिस को मंसूर खान के बारे में पूरी जानकारी दी। उसके आधार पर दुबई पुलिस ने उसका सुराग लगाने में अहम भूमिका निभाई।
सूत्रों के अनुसार मंसूर खान को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है। उसे दुबई लाने के लिए एसआइटी ने कानूनी प्रकिया शुरू कर दी है। बताया गया है कि एसआइटी दुबई जाकर मंसूर को गिरफ्तार करेगी और बेंगलूरु लाएगी।
सूत्रों के अनुसार मंसूर खान को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है। उसे दुबई लाने के लिए एसआइटी ने कानूनी प्रकिया शुरू कर दी है। बताया गया है कि एसआइटी दुबई जाकर मंसूर को गिरफ्तार करेगी और बेंगलूरु लाएगी।
ऐसे मिला सुराग एसआइटी की जांच से पता चला है कि मंसूर खान इंटरनेट कॉल के जरिये हर दिन बेंगलूरु के एक मौलवी शोएब से संपर्क करता था। मंसूर खान प्रति घंटे फेस बुक और अन्य ऑनलाइन माध्यम से कंपनी और अपने संबंध में भारत में चल रही गतिविधियों की जानकारी जुटाता था। एसआइटी ने शोएब की इंटरनेट कॉल्स को मॉनीटर किया।
शोएब के हेण्णूर स्थित निवास पर छापा मार कर अहम जानकारियां जुटाईं गई। मंसूर खान ने शोएब के लिए मदरसा बनवाया था। पता चला है कि मंसूर ८ जून की रात 8:45 बजे अकेले दुबई रवाना हुआ था। तड़के ३:४५ बजे उसके परिवर के सदस्य दुबई पहुंचे थे।
एसआइटी के पुलिस उपायुक्त ए. गिरीश ने इस मामले में संपर्क किए जाने पर केवल इतना बताया कि मंसूर खान दुबई में है और उसे पकड़ कर बेंगलूरु लाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।