scriptशिवकुमार की सिद्धू से भेंट को लेकर राजनीतिक हलचलें तेज | political activities speed up after shivkumar meets sidhramaiya | Patrika News

शिवकुमार की सिद्धू से भेंट को लेकर राजनीतिक हलचलें तेज

locationबैंगलोरPublished: Jan 05, 2020 08:21:20 pm

Submitted by:

Surendra Rajpurohit

शिवकुमार ने सिद्धरामय्या के सरकारी निवास कावेरी पहुंचकर अकेले में देर तक चर्चा की। विधानसभा उपचुनाव में टिकटों के बंटवारे के बाद से ही सिद्धरामय्या से नाराज बताए जा रहे शिवकुमार का इस तरह मिलने जाना कई संभावनाओं को बल दे रहा है।

शिवकुमार की सिद्धू से भेंट को लेकर राजनीतिक हलचलें तेज

शिवकुमार की सिद्धू से भेंट को लेकर राजनीतिक हलचलें तेज

बेंगलूरु. कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनने के प्रबल दावेदार माने जा रहे पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार की रविवार को विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या से मुलाकात ने राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा कर दी है।


शिवकुमार ने सिद्धरामय्या के सरकारी निवास कावेरी पहुंचकर अकेले में देर तक चर्चा की। विधानसभा उपचुनाव में टिकटों के बंटवारे के बाद से ही सिद्धरामय्या से नाराज बताए जा रहे शिवकुमार का इस तरह मिलने जाना कई संभावनाओं को बल दे रहा है।


सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल एमबी पाटिल को सिद्धरामय्या गुट का समर्थन मिलते देख शिवकुमार ने यह मुलाकात की है। राज्य में भाजपा से मुकाबले के लिए सिद्धरामय्या व उनके गुट के नेता ङ्क्षलगायत समुदाय के नेता को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में बताए जाते हैं। सिद्धरामय्या अगले सप्ताह दिल्ली जा रहे हैं और वे इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित अन्य नेताओं के साथ केपीसीसी के नए अध्यक्ष, विपक्ष के नेता के पद सहित संगठन के विभिन्न मसलों पर बातचीत करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष पद के लएि लिंगायत नेता एमबी पाटिल जबरदस्त लॉबिंग कर रहे हैं और सिद्धरामय्या का पाटिल पर वरदहस्त रहा है।


सूत्रों के अनुसार शिवकुमार ने कनकपुरा के एक पहाड़ी क्षेत्र में ईसा मसीह की विशाल प्रतिमा की स्थापना को लेकर जारी खींचतान के मसले पर भी सिद्धरामय्या विचार-विमर्श किया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद पाने की कोशिश में लगे जी. परमेश्वर भी दिल्ली जाने वाले हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे की प्रतीक्षा कर रहे सिद्धरामय्या बुलावा मिलते ही रवाना होंगे।

 

हाल में संपन्न उपचुनाव के बाद दिनेश गुंडूराव व सिद्धरामय्या ने क्रमश: प्रदेश अध्यक्ष व विपक्ष के नेता के पदों से त्यागपत्र दे दिए थे, अभी किसी के भी इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं। दूसरी तरफ आलाकमान का फैसला मानने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए पार्टी के कई नेता पद पाने को लामबंदी कर रहे हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो