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नाटकीय मोड़ पर सियासी घमासान

locationबैंगलोरPublished: Jul 11, 2019 09:45:51 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

-मानसून अधिवेशन आज से, सरकार की परीक्षा कभी भी-विधायकों के इस्तीफे का मामला कनूनी उलझन में

Political Crisis

नाटकीय मोड़ पर सियासी घमासान

बेंगलूरु. Karnataka में पल-पल बदलता राजनीतिक घटनाक्रम अब नाटकीय मोड़ ले चुका है। एक दिन पहले chief Minister HD kumarswamy के Resgnation इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही थीं जिससे सियासी संकट सुलझता नजर आ रहा था लेकिन गुरुवार को जहां सीएम ने अटकलों को खारिज किया वहीं विधायकों के इस्तीफे का मामला सुप्रीम कोर्ट और स्पीकर के बीच उलझ गया। अब निगाहें शुक्रवार से शुरू हो रहे monsoon session पर है जहां सदन के अंदर Congress-Jds Coalition Government की किस्मत का फैसला हो सकता है।
मिल सकती है सरकार को बहुमत साबित करने की चुनौती
माना जा रहा है कि अधिवेशन के दौरान कभी भी सरकार को बहुमत साबित करने की चुनौती मिल सकती है। विपक्ष दावा कर रहा है कि गठबंधन सरकार 16 विधायकों के इस्तीफे और 2 मंत्रियों के समर्थन वापस लेने से बहुमत खो चुकी है और उसे सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। speaker of the Assembly या governor मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं। सत्र के दौरान वित्त विधेयक सहित कई अहम विधेयक पेश होने हैं और सरकार की परीक्षा कभी भी हो सकती है।
बागी पहुंचे स्पीकर से मिलने
जहां मानसून अधिवेशन को लेकर Assembly में तैयारियां चल रही हैं वहीं विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले 10 बागी विधायकों के भविष्य को लेकर उलझन बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी बागी विधायक स्पीकर से मिलने गुुरुवार शाम मुंबई से बेंगलूरु पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने इनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए शाम 6 बजे तक स्पीकर से मिलने के लिए कहा। साथ ही स्पीकर से उन विधायकों के इस्तीफे पर रात 12 बजे तक कोई निर्णय करने को कहा।
अगली सुनवाई अब शुक्रवार को
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जज दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में अगली hearing अब शुक्रवार को ही और तब स्पीकर को अपने फैसले के बारे में फिर से अदालत को सूचित करना होगा। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने कर्नाटक डीजीपी को बेंगलूरु हवाई अड्डे से विधानसभा जाने तक सभी 10 विधायकों को कड़ी सुरक्षा मुहैया करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने स्पीकर से विधायकों की सुनवाई की आडियो रिकार्डिंग भी उपलब्ध कराने को कहा।
स्पीकर ने दी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती
हालांकि, फैसले के खिलाफ स्पीकर केआर रमेश कुमार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें इस तरह का निर्देश नहीं दे सकता है। स्पीकर ने याचिका में कहा कि इस तरह की जांच को आधी रात तक पूरा नहीं किया जा सकता। वे बागी विधायकों के खिलाफ शुरू की गई अयोग्यता कार्यवाही को भी देख रहे हैं और उसमें भी वक्त लगेगा। उन्हें संविधान और विधानसभा के नियमों ने यह अधिकार दिया है कि वह किसी भी विधायक के इस्तीफा के पीछे का कारण पता लगा सकें और यह जान सकें कि क्या यह इस्तीफा किसी pressure में तो नहीं दिया जा रहा है? बागी विधायकों के इस्तीफे की स्वैच्छिक प्रकृति का फैसला करना कम वक्त में संभव नहीं है क्योंकि इस मामले में उचित जांच की जरूरत है। इसके साथ उन्होंने कोर्ट से अपनी याचिका पर तुरंत सुनवाई करने की मांग भी की। रमेश कुमार की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया लेकिन स्पीकर के आवेदन को दायर करने की अनुमति दे दी। इसके साथ ही यह संकेत दिया कि इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को 10 विधायकों की याचिका के साथ ही की जा सकती है। स्पीकर की ओर से मशहूर अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए।

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