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सड़क पर उतरी भाजपा, राज्यपाल और डीजीपी से सीएम की शिकायत

locationबैंगलोरPublished: Sep 23, 2018 07:17:17 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

कुमारस्वामी के बयान पर विवाद

politics

सड़क पर उतरी भाजपा, राज्यपाल और डीजीपी से सीएम की शिकायत

राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग

बेंगलूरु. गठबंधन सरकार को ऑपरेशन कमल से अस्थिर करने की कोशिश को लेकर मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के भाजपा के विरुद्ध दिए गए बयान के एक दिन बाद गुरुवार को भाजपा सड़क पर उतरी। राजधानी बेंगलूरु सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और कुमारस्वामी से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की। कुमारस्वामी के बयान के खिलाफ भाजपा नेताओं ने राजभवन का दरवाजा भी खटखटाया। साथ ही पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से भी कुमारस्वामी के बयान को लेकर शिकायत की। भाजपा ने डीजीपी नीलमणि राजू को दिए गए ज्ञापन मेें कुमारस्वामी पर राजद्रोह का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि कुमारस्वामी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह से संबंधित) सहित अन्य धाराओं का भी उल्लंघन किया है। मैसूरु बैंक सर्कल पर भाजयमो के प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सांसद शोभा करंदलाजे ने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और राजद्रोह का मुकदमा दायर किया जाना चाहिए। सत्ता खोने के भय से कुमारस्वामी मनमाने तरीके से बोल रहे हैं। उनके बयान के बाद ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जबरन उनके घर में घुसकर उन पर हमला करने का विफल प्रयास किया। होसकोटे के विधायक एमटीबी नागराज कहते हैं कि उनको गठबंधन सरकार पर विश्वास नहीं है। सरकार की विफलताओं के लिए हम पर दोष क्यों मढ़ा जा रहा है। सरकार के कुछ मंत्रियों के बर्ताव से अनेक लोग नाराज हैं। शोभा ने कहा कि अगर कुमारस्वामी के पास प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी एस येड्डियूरप्पा के खिलाफ सबूत हैं तो वे जांच के आदेश क्यों नहीं दे रहे हैं। शोभा ने कहा कि भड़काऊ बयान देकर कुमारस्वामी ने संविधान के नाम पर ली गई शपथ का उल्लंघन किया है।
वरिष्ठ नेता आर. अशोक ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास ताकत है तो अपने विधायकों को वश में करके रखे। खुद मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि 15 से 18 विधायक मुंबई-पुणे चले गए हैं। जिन लोगों को कुमारस्वामी के नेतृत्व पर विश्वास नहीं है, उन्होंने ही विद्रोह किया है। इसे छिपाने के लिए भाजपा पर दोष मढऩा कहां तक उचित है। विधायक एम पी रेणुकाचार्य ने कहा कि कुमारस्वामी का दंगा छेडऩे का बयान शर्मनाक है। प्रदेश महासचिव रवि कुमार ने कहा कि हासन को पुण्यभूमि व रामनगर को कर्मभूमि कहने वाले कुमारस्वामी ने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
डीजीपी से मुलाकात के बाद पूर्व मंत्री गोविन्द कारजोल ने कहा कि गठबंधन सरकार के घटक दलों में मतभेेदों के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराना अनुचित है। सरकार गिरने के भय से मुख्यमंत्री लोगों को भड़का रहे हैं। हमें न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है। गौरतलब है कि गुरुवार को कुमारस्वामी ने भाजपा पर ऑपरेशन कमल के जरिए सत्तारुढ़ गठबंधन के विधायकोंं को तोड़कर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया था। कुमारस्वामी ने कहा था कि अगर भाजपा और येड्डियूरप्पा सरकार को अस्थिर करने और हमारे खिलाफ आधारहीन बयान देना बंद नहीं करेंगे तो मुझे उनके खिलाफ लोगों से आंदोलन की अपील करने के लिए विवश होना पड़ेगा।
राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमराई
राज्यपाल को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि कुमारस्वामी के बयान के तुरंत बाद कांग्रेस व जद-एस कार्यकर्ताओं ने विपक्ष के नेता बीएस येड्डियूरप्पा के घर पर धावा बोला। यह मुख्यमंत्री के बयान का सीधा परिणाम था। पुलिस मूकदर्शक बनी रही और जब भाजपा नेताओं ने कांग्रेस व जद-एस कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की तो उनसे भी दुव्र्यवहार किया गया। यह राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का प्रमाण है। ज्ञापन में कहा गया है कि कुमारस्वामी ने संविधान की गरिमा को ठेस पहुंचाकर गंभीर अपराध करने वाला इस तरह का बयान दिया। पार्टी ने राज्यपाल से कार्रवाई की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में केद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा, जगदीश शेट्टर, गोविंद कारजोल, सी.एम.उदासी, वी. सोमण्णा, सांसद पीसी मोहन, आर. अशोक, अरविंद ङ्क्षलबावली, एन. रविकुमार, विधायक विश्वनाथ, रवि सुब्रमण्या, सुरेश कुमार, एम.पी. रेणुकाचार्य, हरताल हालप्पा, कुमार बंगारप्पा, आयनूर मंजुनाथ आदि शामिल थे।
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