इन खिलौने के साथ-साथ मैसूरु सिल्क साडिय़ां भी उपभोक्ताओं तक पहुंचाई जाएंगी। इस समझौते के कारण इन उत्पादों का विपणन जाल विस्तारित होने के साथ सैकड़ों कारीगरों को रोजगार मिलेगा।प्र्रशासनिक सूत्रों के अनुसार इससे पहले डाक विभाग ने कर्नाटक राज्य हस्तशिल्प विकास निगम के साथ समझौता किया है।
इसके अलावा कोलार, चिकबल्लापुर, रामनगर, बेंगलूरु ग्रामीण जिलों के आम उत्पादक किसानों के आम भी डाक विभाग के माध्यम से ही देश-विदेश के उपभोक्ताओं तक पहुंचाए जा रहे हैं। इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए अब इस कड़ी में चन्नपट्ण तथा किन्नाली के खिलौने भी शामिल हो रहे हैं।चन्नपटटण तथा किन्न्नाली के खिलौने, मैसूर सिल्क की साडिय़ों को देश विदेशों के उपभोक्ता काफी पसंद करते है। लेकिन वे इन्हें प्राप्त करने के लिए निजी कुरियर सेवाओं पर निर्भर हैं।
डाक विभाग अब इन्हें आम लोगों तक पहुंचाने के लिए आगे आया है। अगले एक दो माह में यह सेवा उपलब्ध होगी।शारदा संपत के अनुसार डाक विभाग भी अब समय के साथ चलते हुए आधुनिक तकनीक अपना रहा है। नई सेवाओं को डाक विभाग में शामिल किया जा रहा है। राज्य सरकार की कई योजनाएं डाक विभाग के माध्यम से ही लोगों तक पहुंच रही हैं।
डाक विभाग उपभोक्ताओं को अब किसी वाणिज्य बैंक की तरह सेवाएं उपलब्ध कर रहा है। इस कारण से अब डाक विभाग केवल पत्र पहुंचाने तक सीमित नहीं रहा है। यहां सभी विभागों का डिजिटाइजेशन किया गया है। राज्य में आधुनिक सुविधाओं वाले 17 नए कार्यालयों का निर्माण किया जा रहा है।