प्रधानमंत्री ने देश की सीमाओं की सुरक्षा हो, आतंककारियों का दमन हो या देश की महिला युवाओं का सशक्तिकरण हो हर क्षेत्र में साहसी फैसले लिए हैं। देश की कूटनीति के कारण आतंकवादियों को पनाह देने वाले देश पूरे विश्व में अलग-थलग पड़ गए हैं।
इस अवसर पर पार्षद जयपाल, शांतिलाल बोराणा, सुरेश गन्ना, पुखराज आंचलिया उपस्थित थे। संचालन गौतम जैन ने किया प्रकाश पिरगल ने धन्यवाद अर्र्पित किए।
मतदान की ताकत का अहसास कराएं राजस्थानी : सिरोया
इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य लहरसिंह सिरोया ने कहा कि हम जानते हैं पूरा देश किस दौर से गुजर रहा है। ऐसी संवेदनशील स्थिति में हमें देश के हितों की रक्षा को वरीयता देते हुए साहसी नेतृत्व का समर्थन करना होगा। मतदान हमको मिला गणतंत्र का सबसे बड़ा तोफहा है। लेकिन यह कैसी विडंबना है कि हमारे देश में कथित रूप से शिक्षित लोग ही मतदान करने में हिचकिचाते हैं।
हमें इस स्थिति को बदलने का संकल्प करना होगा। केवल नारे लगाने मात्र से नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी नहीं हो सकती, इसके लिए अधिक मतदान सुनिश्चित करना होगा। राजस्थानियों को महाराणा प्रताप तथा भामशाह की परंपरा मिली है। भामाशाह से राणाप्रताप के लिए उनकी जमा पूंजी समर्पित की थी। आज हमें इसी परंपरा का निर्वहण करते हुए गणतंत्र को मजबूत बनाने के लिए देश को सशक्त तथा अटल नेतृत्व सुनिश्चित करने के लिए मतदान करना होगा। कर्नाटक में बसे सभी उत्तर भारतीय प्रवासी अधिकाधिक मतदान करें।