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चालू वित्त वर्ष में जन औषधि केंद्रों ने बेची 484 करोड़ रुपए की दवा

locationबैंगलोरPublished: Jan 16, 2021 06:22:31 am

Submitted by:

Sanjay Kulkarni

केंद्रीय मंत्री सदानंद बोले

चालू वित्त वर्ष में जन औषधि केंद्रों ने बेची 484 करोड़ रुपए की दवा

चालू वित्त वर्ष में जन औषधि केंद्रों ने बेची 484 करोड़ रुपए की दवा

बेंगलूरु. वर्ष 2020-21 में दिसंबर के अंत तक देश के 7 हजार से अधिक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों में 482 करोड़ रुपए की दवाइयां बेची गई हैं। केंद्रीय खाद एवं रसायन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने यह बात कही।उन्होंने कहा कि गत वित्तीय वर्ष की तुलना में इन केंद्रों में दवा का कारोबार 60 फीसदी बढ़ गया है। इन केंद्रों से दवाइयां खरीदने के कारण उपभोक्ताओं के लिए लगभग 3 हजार करोड़ रुपए की बचत संभव हुई है।
कर्नाटक में अभी तक 788 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र स्थापित किए गए हैं। मार्च माह के अंत तक राज्य के विभिन्न जिलों में 80 नए केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। साथ में अब सहकारिता संघों के माध्यम से भी यह दवाइयां बेची जाएगी। इससे देहातों में रहनेवालों को भी इस योजना के अंतर्गत सस्ती दवा उपलब्ध होगी। राज्य में इस वित्तीय वर्ष में इन केंद्रों के माध्यम से 121 करोड़ रुपए मूल्य की दवा बेचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सीडी पर फिर गरमाई सियासत

बेंगलूरु. सत्तारुढ़ भाजपा में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उपजे विवाद के बीच एक बार फिर कथित सीडी को लेकर राजनीति गरमा गई है। भाजपा के ही असंतुष्ट विधायक बसवनगौड़ा पाटिल यत्नाल के सीडी को लेकर दिए बयान के बाद से विपक्ष ने इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा पर निशाना साधा है।
येडियूरप्पा ने सीडी सार्वजनिक करने की चुनौती दी है तो कांग्रेस नेताओं ने ब्लैकमेल का मामला दर्ज कराने और मामले की जांच कराने की मांग की है। यह पहला मौका नहीं है जबकि सीडी को लेकर राज्य में राजनीति गरमाई है। यत्नाल ने को मंत्री नहीं बनाए जाने के बाद कहा था कि येडियूरप्पा ने उनलोगों को मंत्री बनाया जो तीन महीने से सीडी को लेकर ब्लैकमेल कर रहे हैं।
सीडी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में येडियूरप्पा ने गुरुवार को सीडी जारी करने की चुनौती देते हुए कहा कि 6 दशकों की राजनीति में उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया है। लिहाजा, उन्हें ब्लैकमेल राजनीति का कोई डर नहीं है।
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