बैंगलोर

‘प्रकटे हैं श्री रघुरइया, अवध आज बाजे बधइया’

रामकथा में भावविभोर हुए श्रध्दालु

बैंगलोरOct 23, 2021 / 07:35 pm

Santosh kumar Pandey

बेंगलूरु. चित्रकूट स्थित तुलसीपीठ के प्रमुख जगद्गुरु रामभद्राचार्य की यूपी में प्रयागराज जिले के हरिपुर में चल रही रामकथा में भारी संख्या में श्रध्दालु उमड़े। कथा में जैसे ही राम जन्म का प्रसंग आया, मधुर भजनों पर लोग उत्साह और भक्तिभाव से थिरकते नजर आए।
‘आज अवधपुर राघव प्रकटे, प्रकटे हैं श्री रघुरइया, अवध आजे बाजे बधइया’ जैसे भजनों पर श्रध्दालुओं की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसके बाद ‘राघव लाल होइहैं कुलवा के दीपक मन आस लागल हो’, सोहर गाया गया।
भक्ति की गंगा में गोते लगवाए

इससे पूर्व पार्वती के संदेहों और शिव के विवाह का मुग्ध करने वाला वर्णन किया। बीच-बीच में अवधी और भोजपुरी के लोकगीतों पर आधारित भजनों के माध्यम से उन्होंने श्रध्दालुओं को भक्ति की गंगा में गोते लगवाए।
अंधकार का नाश और विवेक का उदय

पद्मविभूषण से नवाजे गए संत ने सत्संग का महत्व बताते हुए कहा कि बिना सत्संग के विवेक नहीं होता। अनेक जन्मों का भाग्य इकट्ठा होता है तो संतों का समागम मिलता है। जब संत मिलते हैं तो मोह रूपी अंधकार का नाश और विवेक का उदय होता है।
रामचरित मानस के बालकांड के विविध प्रसंगों की व्याख्या करते हुए कहा कि रामायण के माध्यम से वैदिक संस्कृति को जानना चाहिए। कुछ लोग रामकथा का छलावा देकर दूसरी संस्कृतियों का प्रचार कर रहे हैं। कथा के दौरान शेरो-शायरी व कव्वाली गाई जा रही है। हमें इस प्रवृत्ति को रोकना होगा।
हिन्दुओं को जागरूक और एकजुट करने के उद्देश्य से 15 दिसम्बर को चित्रकूट में हिन्दू एकता महासंघ का आयोजन किया जाएगा।

कार्यक्रम में मुख्य यजमान के रूप में गौतम तिवारी पोहिला परिवार ने आरती की। बेंगलूरु से पोकरराम चौधरी, हरिराम चौधरी, मूलाराम चौधरी, चेन्नई से देवाराम सैंणचा, स्थानीय लोगों में संस्कृत विद्वान शारदा प्रसाद तिवारी, हरिपुर के साथ ही जिले के अनेक गांवों के लोग उपस्थित थे।
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