बेंगलूरु. sriharikota पहुंच चुके Chandrayaan-2 के तीनों मॉड्यूल
Arbiter, Lander (Vikram) और Rover (pragyan) का
integration जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के
engineers एवं
scientists ने आगामी 28 जून तक इसका इंटीग्रेशन पूरा कर लेने की समय सीमा तय की है। तीनों मॉड्यूल का इंटीग्रेशन पूरा होने के बाद उसे प्रक्षेपण यान GSLV Mark-3 के साथ जोड़ दिया जाएगा।
इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक आर्बिटर में ईंधन भरने की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी कर ली गई। आर्बिटर से कहीं रिसाव नहीं हो रहा है इसकी जांच पूरी होने के बाद लैंडर विक्रम में भी
fuel भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई। लैंडर में ईंधन भरने के बाद रोवर के ‘पावर ऑन’ करने की जांच प्रक्रिया शुरू होगी। इन तमाम प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद लैंडर जिसके अंदर ही रोवर होगा को Arbiter के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 28 जून को तीनों
module के संयोजन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अगर किसी कारण वश 28 को इंटीग्रेशन नहीं हो पाया तो 29 जून को निश्चित तौर पर इसे पूरा कर लिया जाएगा। रोवर को लैंडर के साथ इंटीग्रेट किए जाने से ठीक पहले एक वैज्ञानिक उपकरण Alpha Particle X-ray Spectrometer (APXS) को जोड़ा जाएगा।
यह उपकरण चांद की धरती पर मौजूद
elements का पता लगाएगा। इसरो वैज्ञानिकों के मुताबिक यह ऐसा उपकरण है जिसे सबसे आखिर में रखा जाएगा। यह उपकरण छोटा है मगर बेहद महत्वपूर्ण है।
तीन मॉड्यूल को एक साथ जोडऩे के बाद कम्पोजिट संरचना को Vehicle Assembly Building (VAB) भेज दिया जाएगा जहां इसे रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 से जोड़ा जाएगा। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगामी 30 जून को चंद्रयान-2 वीएबी भेज दिया जाएगा और रॉकेट के टीम को सुपूर्द कर दिया जाएगा।
जीएसएलवी मार्क-3 से इस मिशन को आगामी 15 जुलाई को सुबह 2.51 बजे लांच किया जाएगा। इससे पहले इसरो ने 22 अक्टूबर 2008 को
PSLV rocket से चंद्रयान-1 लांच किया था।
Chandrayaan-1 की तुलना में उन्नत इस
mission में आर्बिटर के साथ लैंडर और रोवर भी भेजा जा रहा है जो चांद की धरती पर उतरकर कई
experiments को अंजाम देगा।