बच्चों की सीखने की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए राज्य में एक साथ 40 लाख बच्चों के सीखने के स्तर का मूल्यांकन करके 12 लाख बच्चों को चयनित करके उन पर अतिरिक्त ध्यान देने के कदम उठाए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों को समय पर दो गणवेश वितरण करने का कार्य सुचारुरूप से पूरा किया जाना चाहिए और विभाग को केन्द्रीय अनुदान की प्रतीक्षा किए बगैर इस कार्य को वरीयता के आधार पर पूरा करना होगा।
सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के अलावा 300 से अधिक स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं शुरू करने की मांग की जा रही है, लिहाजा अनुभवी व निपुण शिक्षक उपलब्ध होने की दशा में इन स्कूलों में इस पर कदम उठाने चाहिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की सेवा संबंधी समस्याओं को ऑनलाइन समाधान के लिए विकसित सॉफ्टवेयर के बारे में विमर्श किया और इस प्रणाली को अविलंब लागू करने के निर्देश दिए।
बैठक में पूर्व प्र्राथमिक कक्षाएं खोलने के संबंध में प्राथमिव माध्यमिक शिक्षा विभाग तथा महिला व बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाकर चर्चा करने का निर्णय किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप पर राज्य सरकार की राय पेश करने के संबंध में शिक्षाविदों, विशेषज्ञों, अभिभावकों तथा स्कूल विकास समितियों सहित सभी भागीदारों के साथ साथ चर्चा करके निर्णय किया जाएगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तथा पीयूूसी शिक्षा बोर्ड को विलीन कर एक ही बोर्ड के अधीन एसएसएलसी व द्वितीय पीयूसी परीक्षाएं आयोजित करने के संबंध में अधिकारियों से चर्चा करके समुचित प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने जिला स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना करने के भी निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री के वित्तीय सलाहकार डॉ. एस. सुब्रमण्या, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. ईवी रमण रेड्डी, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. एस. सेल्वकुमार, प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव उमाशंंकर, विभागीय आयुक्त पीसी जाफर सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।