उन्हाेंने कहा कि इन कंपनियों की परियोजनाओं को सरकारी मान्यता मिलने से गलत संदेश जाएगा। भविष्य में और कंपनियां अपनी परियोजनाओं के साथ आगे आएंगी, चाहे वे फायदेमंद हों या नहीं। कब्बन पार्क पहले की तरह विशाल नहीं है। ऐसी निजी परियोजनाएं अक्सर केवल कब्बन पार्क के लिए प्रस्तावित की जाती हैं। अन्य जगहों पर कई पार्क हैं। लेकिन, वहां कुछ भी होता नहीं दिखता है। लालबाग भी बागवानी विभाग के अंतर्गत आता है। कुमार ने कहा कि औषधीय पौधे लगाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। लेकिन, अधिकारियों ने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया। साफ है कि लोगों के लिए फायदेमंद परियोजनाओं को लागू नहीं किया जा रहा है। निजी परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
बागवानी विभाग के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार कटारिया ने कहा कि उन्होंने कब्बन पार्क वॉकर्स एसोसिएशन की बात सुनी है। प्रस्तावों पर वे गौर करेंगे।
विकास में योगदान के श्रेय को लेकर फिर सड़क पर बवाल
मैसूरु@पत्रिका. मैसूरु के विकास में योगदान के श्रेय को लेकर मंगलवार को एक बार फिर सड़क पर बवाल हुआ। पुलिस ने मैसूरु से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय की ओर बढ़ रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को बीच में ही रोक दिया।
मार्च में शामिल कांग्रेस प्रवक्ता एम. लक्ष्मण को पुलिस ने कुछ घंटे के लिए रोके रखा। हालांकि उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। लक्ष्मण ने सिम्हा पर हमला बोला और कहा कि हाल के वर्षों में मैसूरु में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं और अस्पतालों की कमी नहीं है। मैसूरु और बेंगलूरु को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे कॉरिडोर की कल्पना तब की गई थी, जब सिद्धरामय्या मुख्यमंत्री थे। इसके बावजूद सिम्हा इन सभी कार्यों का श्रेय लेने का दावा कर रहे हैं।