वित्तीय संकट के बारे में वे कहते हैं कि शिक्षक ऑनलाइन कक्षाओं के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं, लेकिन हम उन्हें न्यूनतम वेतन भी देने में असमर्थ हैं। सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं
सरकार की तरफ से किसी भी तरह की मदद नहीं मिलने की बात कहते हुए वे कहते हैं कि हालात यह है कि 60 फीसद से अधिक माता-पिता ने अपने ब‘चों की फीस का भुगतान नहीं किया है। रा’य में 20,000 से अधिक स्कूल हैं और इनमें से लगभग 18,000 निजी स्कूल हैं जो मासिक शुल्क पर निर्भर हैं।
मालूम हो कि कोरोना महामारी की वजह से निजी स्कूल दिसंबर तक बंद हैं। सरकार ने तकनीकी सलाहकार समिति की सिफारिश के बाद स्कूलों को दिसंबर तक बंद रखने का निर्णय लिया था।