इसरो अध्यक्ष शिवन बोले… मानव मिशन में निजी क्षेत्र की होगी अहम भूमिका
बैंगलोरPublished: Sep 07, 2018 01:11:46 am
पीएसएलवी और जीएसएलवी मिशन की जिम्मेदारी भी दी जाएगी
10,400 करोड़ रुपए के बजट में से 9 हजार करोड़ रुपए निजी क्षेत्र को जाएंगे
इसरो अध्यक्ष शिवन बोले… मानव मिशन में निजी क्षेत्र की होगी अहम भूमिका
बेंगलूरु. बड़े पैमाने पर उपग्रह प्रक्षेपण की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) रॉकेटों के निर्माण की जिम्मेदारी निजी क्षेत्र को सौंपेगा जबकि उसका पूरा ध्यान मानव मिशन पर होगा।
यहां गुुरुवार को छठे बेंगलूरु अंतरिक्ष प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद इसरो अध्यक्ष के.शिवन ने कहा कि मानव मिशन की तैयारियों में जुटे इसरो का पूरा ध्यान अभी गगनयान पर है। ऐसे में पीएसएलवी और जीएसएलवी से जुड़े अन्य मिशनों के लिए इसरो निजी क्षेत्र पर निर्भर होगा। अगले चार वर्षों के दौरान इसरो केवल प्रक्षेपण यानों (रॉकेट) पर ही 10 हजार 400 करोड़ रुपए खर्च करेगा जिसमें से 9 हजार करोड़ निजी क्षेत्र को जाएगा। इसलिए निजी क्षेत्र को यह चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। भारत अंतरिक्ष में अपने उपग्रहों की संख्या बढ़ाने को तैयार है। अगले तीन वर्षों के दौरान 45 ऑपरेशनल उपग्रहों के अलावा इसरो 59 नए उपग्रह भेजेगा। इनके प्रक्षेपण में निजी क्षेत्र का योगदान काफी अधिक होगा। इसरो देश में छह इनक्युबेशन केंद्रों की स्थापना करने जा रहा है जिसे लघु उद्योग अंतरिक्ष उपकरणों या उपग्रहों के निर्माण के लिए उपयोग में ला सकते हैं। इसके साथ ही छोटे रॉकेटों के निर्माण पर भी बल दिया जाएगा जो काफी कम समय में तैयार हो जाएंगे और लघु उपग्रहों को धरती की निचली कक्षा में स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि लघु उपग्रह समाज पर बड़ा प्रभाव डालेंगे और इसके प्रक्षेपण में कॉरपोरेट क्षेत्र को इसरो का भागीदार बनना होगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय मानव मिशन गगनयान देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी का स्तर काफी ऊंचा ले जाएगा। इसमें भी उद्योगों की अहम भूमिका होगी। इसके लिए देश में बड़े पैमाने पर बुनियादी अंतरिक्ष अवसंरचना भी तैयार करनी होगी। इस मिशन से इसरो की तकनीकी क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी। इसरो का पूरा ध्यान इस मिशन पर रहेगा जबकि निजी क्षेत्र बाकी काम संभालेंगे।