डॉ. कंबर ने कन्नड़ साहित्य के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन प्रभावित हुए हैं। समारोह में चित्रकला परिषद के महासचिव प्रो. एमजे कामलक्ष्मी, उपाध्यक्ष टी प्रभाकर, कलाकार कनाई कुन्हीरमण, कॉलेज ऑफ फाइन आट्र्स के प्राचार्य प्रो. तेजेन्द्र सिंह बाओनी मंचासीन थे। एचए अनिल कुमार, बीवाई विनोद और मंगला लक्ष्मी ने प्रशस्ति पत्रों का वाचन किया। समारोह में प्रो. सिद्दालिंगय्या, बालन नाम्बिर व सुरेश जयराम आदि गणमान्यजन मौजूद रहे। प्रो. राघवेन्द्र राव एच कुलकर्णी के आभार ज्ञापित करने के साथ समारोह संपन्न हुआ।