बता दें कि आधिकारिक रूप से इस विधेयक को कर्नाटक पशु वध रोकथाम एवं संरक्षण विधेयक-2020 कहा जा रहा है। कड़ी सजा का प्रावधान विधेयक में प्रदेश में गो-हत्या पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। यह कानून 12 साल की उम्र तक की भैंस और अन्य जानवरों को भी मारे जाने से बचाएगा।
बता दें कि विधेयक में गो हत्या के मामलों में त्वरित न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रावधान किया गया है। पुलिस की कार्रवाई में पकड़े जाने वाले जानवरों को रखने के लिए गोशाला और जानवरों के शेड बनवाए जाएंगे। विधेयक की खास बात यह भी है कि गोवंश और अन्य जानवरों की सुरक्षा के लिए प्रयासरत लोगों को भी पुलिस की सुरक्षा मिलेगी।
लोकतंत्र की हत्या विधेयक पारित किए जाने पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या ने आपत्ति जताते हुए कहा कि विधेयक पेश करते समय सदन के किसी भी सदस्य के पास इस विधेयक की प्रतियां तक नहीं थी। किसानों के साथ जुड़े इस महत्वपूर्ण विधेयक को बगैर किसी बहस से पारित किया जाना लोकतंत्र की हत्या है।