बैंगलोर

कर्नाटक : विश्व स्तरीय वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना समय की मांग

– नई शिक्षा नीति सही शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगी

बैंगलोरAug 17, 2021 / 10:37 am

Nikhil Kumar

बेंगलूरु. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (Vice President Venkaiah Naidu) ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सुनिश्चित करेगी कि छात्रों के पास सभी क्षेत्रों में नई शिक्षण और सीखने की रणनीतियों तक पहुंच हो। सही शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगी। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में देश भर में कई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान, केंद्रीय विश्वविद्यालय और कौशल विकास केंद्र स्थापित किए गए हैं।

वे जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) के नवाचार और विकास केंद्र की आधारशिला रखने के बाद संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कम उम्र में वैज्ञानिक सोच विकसित करना और सामाजिक समस्याओं का समाधान करने वाले विश्व स्तरीय वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना समय की मांग है। उन्होंने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से सिंथेटिक जीव विज्ञान, कम्प्यूटेशनल जीव विज्ञानए, उच्च प्रदर्शन इंजीनियरिंग सामग्री और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे विज्ञान के नए आशाजनक क्षेत्रों में अनुसंधान करने की सलाह दी। वैज्ञानिकों से लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उत्कृष्टता और नवाचार करने का भी आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन और कृषि से लेकर स्वास्थ्य और चिकित्सा तक मानव जाति के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए आउट ऑफ. द बॉक्स समाधान निकालना होगा। उन्होंने 300 से अधिक पेटेंट सृजित करने के लिए जेएनसीएएसआर की भी सराहना की।

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