श्रीरंगपट्टण को यूनेस्को स्थायी सूची में शामिल करने का प्रस्ताव
बैंगलोरPublished: Nov 20, 2019 08:31:29 pm
जिले के प्राचीन और ऐतिहासिक तौर से समद्ध श्रीरंगपट्टण क्षेत्र को यूनेस्को की स्थायी सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है। भारतीय पुरातत्व तथा सर्वेक्षण विभाग के बेंगलूरु मंडल के अधीक्षक शशिकांत वाजपेयी ने यह जानकारी दी। श्रीरंगपट्टण को विश्व के पर्यटन नक्शे में स्थान मिलेगा तथा इसके परिणाम स्वरूप यहां रोजगारों का सृजन होगा। पर्यटकों की संख्या बढऩे से क्षेत्र के विकास को नया आयाम मिलेगा।
श्रीरंगपट्टण को यूनेस्को स्थायी सूची में शामिल करने का प्रस्ताव
मंड्या. जिले के प्राचीन और ऐतिहासिक तौर से समद्ध श्रीरंगपट्टण क्षेत्र को यूनेस्को की स्थायी सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है। भारतीय पुरातत्व तथा सर्वेक्षण विभाग के बेंगलूरु मंडल के अधीक्षक शशिकांत वाजपेयी ने यह जानकारी दी।
टीपू समर पैलेस में हाल में आयोजित विश्व धरोहर सप्ताह के उपलक्ष्य में हुई संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है तो श्रीरंगपट्टण को विश्व के पर्यटन नक्शे में स्थान मिलेगा तथा इसके परिणाम स्वरूप यहां रोजगारों का सृजन होगा। पर्यटकों की संख्या बढऩे से क्षेत्र के विकास को नया आयाम मिलेगा।
उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को मंजूरी मिले, इसके लिए कर्नाटक राज्य पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को भी विशेष प्रयास करने होंगे। इसके अलावा मण्ड्या जिले के हेलीकॉप्टर टूरिज्म में भी श्रीरंगपट्टण को शामिल किया जा सकता है। अभी श्रीरंगपट्टण क्षेत्र यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल है।
उल्लेखनीय है कि मैसूरु शहर से महज 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित श्रीरंगपट्टण एक ऐतिहासिक तथा पुरातन क्षेत्र है। इसकी विशेषता है कि यह चारों ओर कावेरी नदी से घिरा है। गंग राजवंश की ओर से निर्मित होयसला शैली में बना रंगनाथ स्वामी का मंदिर काफी मशहूर है। वैष्णव समुदाय के लोगों के लिए श्रीरंगपट्टण श्रद्धा का केंद्र रहा है। हैदर अली तथा टीपू सुल्तान ने इसी शहर को राजधानी बनाया था। वर्ष 1799 में यहां ब्रिटिश सेनाओं तथा टीपू सुल्तान के बीच हुई जंग में टीपू की मौत हुई थी।