निगम को नुकसान के कारण प्रतिबंध
केएसआरटीसी की 60 बसें पीनिया बसवेश्वर बस अड्डे से, केंपेगौड़ा बस अड्डे से 980 बसें परिचालित होती हंै। ये सभी जालहल्ली क्रास से गुजरती हैं। सरकारी बसों के वहां पहुंचने से पहले ही निजी बसों के चालक यात्रियों को सवार करा लेते हैं। जिससे केएसआरटीसी को हर माह लाखों रुपयों का नुकसान हो रहा है। निगम के प्रबंध निदेशक उमाशंकर ने जालहल्ली क्रास पर यातायात जाम और निजी बसों पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से शहर पुलिस आयुक्त से सहयोग की अपील की थी।
केएसआरटीसी की 60 बसें पीनिया बसवेश्वर बस अड्डे से, केंपेगौड़ा बस अड्डे से 980 बसें परिचालित होती हंै। ये सभी जालहल्ली क्रास से गुजरती हैं। सरकारी बसों के वहां पहुंचने से पहले ही निजी बसों के चालक यात्रियों को सवार करा लेते हैं। जिससे केएसआरटीसी को हर माह लाखों रुपयों का नुकसान हो रहा है। निगम के प्रबंध निदेशक उमाशंकर ने जालहल्ली क्रास पर यातायात जाम और निजी बसों पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से शहर पुलिस आयुक्त से सहयोग की अपील की थी।
एक वकील अयूब अहमद खान ने बताया कि हर एक व्यक्ति को अपना वाहन टोल के जरिए या टोल के बैगर ले जाने का फैसला लेने का अधिकार है। दूसरी तरफ निजी बस मालिक संघ ने भी घोषणा की है कि केएसआरटीसी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ चर्चा कर निजी बसों को टोल से रियायत दी तो वह फ्लाईओवर का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हंै। यशवंतपुर से लेकर जालाहल्ली क्रास तक आठ से दस निजी ट्रैवल एजेंसियां हैं। उनके यात्री अकसर जालहल्ली क्रास से ही सवार होते हैं। हर दिन निजी बसों के जरिए 8 से 10 हजार यात्री सफर करते हैं।
मानवाधिकार आयोग भी आया बीच में
दूसरी तरफ राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी मेजेस्टिक क्षेत्र के चारों तरफ होने वाली यातायात संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए निजी बसों को मेजेस्टिक क्षेत्र से दूर रखने की सलाह दी है। निजी बसों के कारण प्रदूषण भी अधिक होने लगा है। केएसआरटीसी ने मेजेस्टिक क्षेत्र की कई बसों को पीनिया बसवेश्वर बस अड्डा स्थानांतरित करने पर यात्रियों ने इसका विरोध किया है। उसी कारण अधिकांश बसें अब भी मेजेस्टिक से चलती हैं केएसआरटीसी ने परिवहन विभाग को निजी बसों को शहर से बाहर रखने का अनुरोध किया है।
दूसरी तरफ राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी मेजेस्टिक क्षेत्र के चारों तरफ होने वाली यातायात संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए निजी बसों को मेजेस्टिक क्षेत्र से दूर रखने की सलाह दी है। निजी बसों के कारण प्रदूषण भी अधिक होने लगा है। केएसआरटीसी ने मेजेस्टिक क्षेत्र की कई बसों को पीनिया बसवेश्वर बस अड्डा स्थानांतरित करने पर यात्रियों ने इसका विरोध किया है। उसी कारण अधिकांश बसें अब भी मेजेस्टिक से चलती हैं केएसआरटीसी ने परिवहन विभाग को निजी बसों को शहर से बाहर रखने का अनुरोध किया है।