महानरेगा में महिला मजदूरों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव
ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों के लिए संजीवनी

बेंगलूरु. महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत महिला मजदूरों की संख्या 5 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो इस योजना में राज्य के विभिन्न जिलों में 2.55 लाख से अधिक महिलाओं को इस योजना में शामिल किया जा सकता है।ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग के आयुक्त अनिरुद्ध श्रवण के अनुसार अभी इस योजना में महिला मजदूरों का अनुपात 48.94 फीसदी है। इसे 53.94 फीसदी तक बढ़ाया जाएगा।
इस योजना में महिला मजदूर अच्छा कार्य कर रही हैं। योजना का लाभ अधिक महिलाओं को मिले इसलिए यह अनुपात बढ़ाया जा रहा है। पहले चरण में राज्य की सभी तहसीलों के 4-4 गांवों में इस प्रयोग को लागू किया जाएगा। प्रयोग की सफलता को देखने के बाद इसे राज्य की सभी तहसीलों में लागू करने की योजना तैयार की गई है।अभी इस योजना के अंतर्गत महिलाएं कृषि, बागवानी, तालाबों की सिल्ट हटाना जलकुंडों का निर्माण, जैसे कार्यों में शामिल है। इस योजना के अंतर्गत अभी राज्य में 51 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा रहा है।
महामारी के दौर में यह योजना ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। गत तीन वर्ष से इस योजना का लगातार विस्तार किया जा रहा है। वर्ष 2018-19 में 8.5 मानव दिवस, वर्ष 2019-20 में 11.5 करोड़ मानव दिवस, वर्ष 2020-21 में 14.10 करोड़ मानव दिवस रोजगार उपलब्ध करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आने वाले दिनों में इस योजना में महिला मजदूरों की भागीदारी बढ़ेगी।
केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए वर्ष 2020-21 के लिए 6,800 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। जो इस योजना के लिए अब तक का सबसे अधिक आवंटन है। कोरोना महामारी के दौरान इस योजना में दिहाड़ी मजदूरी 175 से बढ़ाकर 275 की गई है। इस योजना के अंतर्गत भूजलसस्तर वृद्धि के कार्यों को शामिल किया जा रहा है।
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