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इसरो की एक और शानदार उड़ान, एमिसैट समेत 29 उपग्रह दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित

locationबैंगलोरPublished: Apr 01, 2019 11:52:44 am

Submitted by:

Rajeev Mishra

-पीएसएलवी का चौथा चरण भी 30 वें उपग्रह के तौर पर तीन पे-लोड के साथ तीसरी कक्षा में पहुंचा

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इसरो की एक और शानदार उड़ान, एमिसैट समेत 29 उपग्रह दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित

बेंगलूरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से सोमवार को पीएसएलवी सी-45 का सफल प्रक्षेपण करते हुए डीआरडीओ के उपग्रह एमिसैट सहित 29 उपग्रहों को सफलता पूर्वक उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया।
इसरो का यह पीएसएलवी मिशन अनूठा था जिसमें एक ही उड़ान में तीन अलग-अलग कक्षाओं में उपग्रह पहुंचाए गए। प्रक्षेपण के लगभग 17 मिनट बाद एमिसैट पीएसएलवी के चौथे चरण से अलग हुआ और 749 किमी वाली अपनी कक्षा में चला गया। लांच के लगभग 111 मिनट बाद (एक घंटे 51 मिनट) 28 विदेशी उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित किया गया। इन 28 उपग्रहों में 24 उपग्रह अमरीका के, एक स्विट्जरलैंड, 2 लिथुआनिया और एक स्पेन का था। सबसे पहले स्पेन का उपग्रह अपनी कक्षा में स्थापित हुआ उसके बाद एक-एक कर अन्य उपग्रह भी अपनी-अपनी कक्षा में चले गए। रॉकेट के चौथे चरण में लगे कैमरे ने सभी उपग्रहों के कक्षा में स्थापित होने का सीधा प्रसारण किया। इस मिशन को पूरा करने के लिए पीएसएलवी सी-45 के चौथे चरण पीएस-4 को दो बार स्विच ऑफ किया गया और फिर चालू किया गया। विदेशी उपग्रहों को स्थापित करने के बाद जब रॉकेट दक्षिणी धु्रव पर पहुंचा तो पीएस-4 के इंजन को फिर एक बार चालू कर उसे तीसरी कक्षा की ओर अग्रसर कर दिया गया। लांच के लगभग 3 घंटे बाद रॉकेट का चौथा चरण (पीएस-4) तीन पे-लोड के साथ 485 किमी वाली कक्षा में स्थापित हो गया।
एक अनूठा प्रयोग करते हुए इसरो ने पीएस-4 में इस बार सौर पैनल भी लगाए हैं जो पे-लोड के लिए ऊर्जा उत्पादन करेगा और यह मिशन लंबी अवधि तक चल सकेगा। इसरो का यह पहला मिशन है जिसमेें उसने एक ही उड़ान में तीन अलग-अलग कक्षाओं में उपग्रहों को पहुंचाया है। इससे पहले 30 घंटे की उलटी गिनती के बाद पीएसएलवी सी-45 ने तय समय 9.27 बजे उड़ान भरी। उड़ान के समय श्रीहरिकोटा का मौसम साफ और हवाओं की गति प्रक्षेपण मानदंडों के अनुकूल थी। मौसम साफ होने से प्रक्षेपण का शानदार नजारा काफी देर तक दिखा।

अगला मिशन रिसैट-2 बी और कार्टोसैट-3
इसरो अध्यक्ष के.शिवन ने कहा कि इस मिशन में 95 फीसदी फैब्रिकेशन इसरो के बाहर हुआ। उन्होंने इस शानदार प्रक्षेपण के लिए इसरो वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि अगला मिशन अब मई के मध्य में लांच होगा। मई के मध्य में पीएसएलवी सी-46 से रिसैट-2 बी लांच किया जाएगा। इसके बाद पीएसएलवी सी-47 से कार्टोसैट-3 उपग्रह लांच किया जाएगा। इन दोनों मिशनों के बाद बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-2 लांच किया जाएगा।
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