दरअसल, रिसैट-2 बी एक्स बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार (एसएआर) युक्त उपग्रह है, जिससे बादलों के आच्छादित रहने पर भी धरती पर नजर रखी जा सकती है। वर्ष 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद इसरो ने 20 अप्रेल 2009 को रिसैट-2 उपग्रह लांच किया था, जिससे सशस्त्र बलों को काफी मदद मिली थी। हालांकि, तब इसरो की योजना स्वदेशी तकनीक से विकसित ‘सी बैंड’ सिंथेटिक अपर्चर राडार उपग्रह रिसैट-1 लांच करने की थी लेकिन यह भारतीय उपग्रह तैयार नहीं था। भारत ने इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज से एक्स बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार लिया जिसे रिसैट-2 में इंटीग्रेट कर छोड़ा गया। इस तरह रिसैट-2 देश का पहला सिंथेटिक अपर्चर राडार युक्त उपग्रह बना, जिससे दिन हो या रात हर मौसम में (24 घंटे) देश की सीमाओं की निगरानी क्षमता बढ़ी। रिसैट-2बीआर1 उपग्रह भी एक्स बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार उपग्रह है जो देशकी इमेजिंग और टोही क्षमता को बढ़ाएगा।