लेकिन नियमों को दरकिनार करते हुए शहर के कई पीयू (Pre University, प्री-यूनिवर्सिटी) कॉलेजों ने प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है। इतना ही नहीं, कॉलेजों को उस नियम की भी परवाह नहीं है, जिसके अनुसार प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने के नाम पर कॉलेज को इंटीग्रेटेड कोर्स (Integrated Course) चलाने और इसके नाम पर अतिरिक्त शुल्क लेने की इजाजत नहीं है। डीपीयूइ ने ऐसे कॉलेजों को चेताया है।
कई वर्षों से कॉलेज अपनी मनमानी करते आ रहे हैं। डीपीयूइ लिखित शिकायत पर कार्रवाई का आश्वासन दे अपनी जिम्मेदारी पूरी समझ लेता है। वैसे परीक्षा और नतीजों से पहले प्रवेश प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए अभिभावक भी जिम्मेदार हैं। ऐसे में केएसइइबी के पास लिखित शिकायत पहुंचने की संभावना न के बराबर है।
कोचिंग सेंटर और कॉलेजों की मिलीभगत
सामान्य प्रवेश परीक्षा (CET), ज्वाइंट एंट्रेंस एक्जाम (JEE), राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) आदि प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार करने के नाम पर एकीकृत पाठ्यक्रम की पेशकश कर लाखों रुपए की कमाई करते थे। जिस पर डीपीयूइ ने गत वर्ष रोग लगा दी थी। लेकिन कॉलेजों ने नियम का तोड़ निकाल लिया है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने वाले कुछ निजी संस्थान उनके यहां दाखिला लेने पर प्रतिष्ठित पीयू कॉलेजों में सीट दिलाने का दावा भी कर रहे हैं। जिसके लिए संस्थान ने पहले से ही लाखों रुपए की एकीकृत शुल्क तय कर रखी है। कॉलेज और कोचिंग सेंटर एक दूसरे के साथ टाई-अप की बात कह रहे हैं। यानी की कॉलेज और संस्थान की मिलीभगत से पूरा खेल चल रहा है।
लिखित शिकायत पर कार्रवाई
डीपीयूइ की निदेशक एम. कनगबल्ली ने कहा कि अधिसूचना के पहले प्रवेश प्रक्रिया शुरू करना नियमों का उल्लंघन है। लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेंगे।