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बाघ बचाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम

locationबैंगलोरPublished: Jul 29, 2018 06:51:50 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

क्रिस्प अध्यक्ष कुमार जागीरदार ने बताया कि देश में शेरों की संख्या मात्र 2226 रह गई है

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बाघ बचाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम

बेंगलूरु. शांति निकेतन स्कूल गिरिनगर और क्रिस्प संस्था के संयुक्त तत्त्वावधान में इंटरनेशन टाइगर डे के अवसर पर शनिवार को कब्बन पार्क में बाघों को बचाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर वन्यजीव प्रेमी एवं सामाजिक कार्यकर्ता रमेश टीकाराम, क्रिस्प अध्यक्ष कुमार जागीरदार ने बताया कि देश में शेरों की संख्या मात्र 2226 रह गई है, जो बहुत ही चिंताजनक है।
जबकि इनकी संख्या बीस साल पहले पांच हजार थी। ऐसे में हम देशवासियों की इन शेरों को बचाने की जिम्मेदारी बनती है। इस मौके पर बच्चों ने शेर बचाओ संदेश लिखी तख्तियों के साथ जनजागरण किया।

आचार्य रत्नाकर सूरी के समक्ष मैसूरु में 2019 के चातुर्मास की विनती
बेंगलूरु. राजस्थान जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ जयनगर बेंगलूरु के तत्वावधान में जयनगर स्थित धर्मनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर के प्रांगण में आचार्य रत्नाकर सूरीश्वर, आचार्य रत्नसंचय सूरीश्वर, साध्वी संयमलताश्री आदि के समक्ष शनिवार को मैसूरु से संघ
दर्शनार्थ आया।
प्रात: जिनालय में दर्शन, वंदन के बाद सुमतिनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ, मैसूरु के ट्रस्ट मंडल ने आचार्य आदि ठाणा की मैसूरु में 2019 के चातुर्मास प्रवास की विनती की। ट्रस्टी हंसराज पगारिया ने बताया कि संघ अध्यक्ष अशोकभाई संघवी के नेतृत्व में लगभग 50 सदस्यीय संघ ने आचार्य को मैसूरु संघ में चल रही गतिविधियों की विस्तृत जानकारी देते हुए 2019 का चातुर्मास मैसूरु स्थित महावीर भवन में करने की विनती की।
आचार्य ने विचार करने का आश्वासन दिया। पगारिया ने बताया कि इस दौरान पाŸव वाटिका मैसूरु में निर्मित सांचा सुमतिनाथ जैन मंदिर की प्रतिष्ठा की विनती रमेश गुलेच्छा द्वारा की गई। कोषाध्यक्ष मंगलचंद सोलंकी, कान्तिलाल, पारसमल सिंघवी, मांगीलाल, हीराचंद कांगटाणी सहित अनेक गणमान्य मौजूद रहे।
सुख चाहिए तो पुण्य के मार्ग पर चलो
बेंगलूरु. वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ चामराजपेट में साध्वी अर्पिता ने कहा कि व्यक्ति सुख प्राप्त करने के लिए आज प्रयासरत है।
संसार मेें हर व्यक्ति सुख की ओर भागता है, परंतु सुख न मिलकर दु:ख ही मिल रहा है, क्योंकि जिंदगी में पाप अधिक हो रहे हैं और पुण्य कम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुख के लिए पुण्य के मार्ग पर चलना है एवं दुख को दूर करने के लिए पाप मार्ग को छोडऩा है। संसार में पुण्य और पाप

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