बल्लारी से करेंगे पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआतमठ, मंदिर और दरगाह में भी करेंगे जियारत
बेंगलूरु. कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल गांधी शनिवार को बल्लारी जिले से पार्टी के विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करेंंगे। चार दिवसीय दौरे पर राहुल शनिवार दोपहर सीधे विजयनगर के जिंदल हवाई पट्टी पहुंचे और वहां से हेलीकॉप्टर सेहोसपेट जाएंगे। होसपेट में पार्टी की चुनाव यात्रा को हरी झंडी दिखांएगे। पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद राहुल का यह प्रदेश का पहला दौरा होगा। प्रवास के दौरान राहुल बल्लारी, कोप्पल, रायचूर, कलबुर्गी, बीदर का दौर करेंगे। कुछ जगहों पर सभा को संबोधित करने के साथ ही नुक्कड़ सभाएं भी करेंगे। प्रवास के दौरान राहुल दिल्ली से लाए गए एक विशेष बस में जिलों का दौरा करेंगे। इस बस का उपयोग राहुल ने
गुजरात चुनाव में भी किया। दौरे के दौरान राहुल के साथ मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या, प्रदेश अध्यक्ष जी परमेश्वर और दूसरे वरिष्ठ नेता भी होंगे।
गुजरात से अलग होगा अभियानराज्य में राहुल का अभियान गुजरात से अलग होगा। गुजरात में भाजपा को चुनौती देने और हिंदू विरोधी छवि को चुनौती देने के लिए राहुल ने नरम हिंदुत्व की राह अपनाई थी। तीन महीने के गुजरात अभियान के दौरान राहुल दो दर्जन से अधिक मंदिरों में दर्शन करने गए थे लेकिन मुस्लिम या दूसरे समुदायों के किसी धर्मस्थल पर नहीं गए थे लेकिन कर्नाटक में राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए राहुल अलग रणनीति अपनाएंगे। राहुल अपने दौरे के तीसरे दिन में एक सूफी संत की दरगाह पर भी जियारत करने जाएंगे। राहुल पहले दिन ही एक मठ और
मंदिर जाएंगे। दौरे के अंतिम दिन राहुल अनुभव मंडप जाएंगे। बारहवीं सदी के समाज सुधारक संत बसवेश्वर द्वारा स्थापित इस मंडप का जिक्र पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में दिए अपने भाषण में किया था।
प्रदेश कांग्र्रेस ने राहुल के दौरे के कार्यक्रम को राजनीतिक समीकरणाों के हिसाब से तैयार किया है। अहिंदा (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के लिए कन्नड़ शब्द) कांग्रेस का मजबूत आधार रहा है और राहुल के कार्यक्रम मेंं भी इसका विशेष ख्याल रखा गया है। राहुल दलित समुदाय के एक मंदिर, लिंगायत समुदाय के एक-एक मठ और मंदिर के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े दरगाहर पर भी जियारत करेंगे।
दौरे के पहले दिन राहुल हुलीगम्मा मंदिर जाएंगे। इस मंदिर का दलित और पिछड़े वर्ग में काफी महत्व है। इसी दिन राहुल लिंगायत समुदाय से जुड़े गवी सिद्धेश्वर मठ भी जाएंगे। तीसरे दिन राहुल तेरहवीं सदी के सूफी संत ख्वाजा बंदेनवाज की कलबुर्गी स्थित दरगाह जाएंगे। दौरे के अंतिम दिन दिल्ली लौटने से पहले बीदर जिले के बसवकल्याण स्थित अनुभव मंडप जाएंगे।