scriptराहुल गांधी की महत्वाकांक्षी न्याय योजना की कुंदगोल से ही करेंगे शुरुआत | Rahul Gandhi's ambitious judicial scheme will start with shuddering | Patrika News
बैंगलोर

राहुल गांधी की महत्वाकांक्षी न्याय योजना की कुंदगोल से ही करेंगे शुरुआत

मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है कि एआईसीसी अध्यक्ष राहुल गांधी की महत्वाकांक्षी न्याय योजना का कुंदगोल से ही शुभारम्भ किया जाएगा।

बैंगलोरMay 19, 2019 / 01:02 am

शंकर शर्मा

राहुल गांधी की महत्वाकांक्षी न्याय योजना की कुंदगोल से ही करेंगे शुरुआत

राहुल गांधी की महत्वाकांक्षी न्याय योजना की कुंदगोल से ही करेंगे शुरुआत

हुब्बल्ली. मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है कि एआईसीसी अध्यक्ष राहुल गांधी की महत्वाकांक्षी न्याय योजना का कुंदगोल से ही शुभारम्भ किया जाएगा। यहां शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में डीके शिवकुमार ने कहा कि गरीब परिवारों को प्रतिमाह 6 हजार रुपए अर्थात वार्षिक 72 हजार रुपए देने वाली न्याय योजना की इसी क्षेत्र से शुरुआत की जाएगी। महादयी जल परियोजना जारी करने को लेकर उन्होंने कहा कि महादायी योजना जारी करने में भाजपा ने सौतेला रवैया अपनाया है।

शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में वीरशैव लिंगायत कई नेता हैं। वीरशैव लिंगायत सिर्फ एक पार्टी तक सीमित नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री येड्डियूरप्पा को फूट डालकर शासन करने की नीति छोडऩा चाहिए। मानवता के आधार पर कुसुमा शिवल्ली को टिकट देकर उनके पीछे हम सभी खड़े हैं।

कुंदगोल क्षेत्र को गोद लेकर समग्र विकास करेंगे। धारवाड़ पेड़ा जितना मीठा है उतना ही इस क्षेत्र को कनकपुर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। बार-बार सरकार बनाने के बयान देने वाले येड्डियूरप्पा को उन्होंने आम चर्चा के लिए आने की चुनौती दी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री विनय कुलकर्णी, संतोष लाड, डी.के. सुरेश, आर.बी. तिम्मापुर आदि उपस्थित थे।

ब्रेन डेड किसान के अंगों ने दी पांच को जिंदगी
बेंगलूरु. एक ब्रेन डेड किसान की पत्नी ने उसके अंगों को दान कर पांच मरीजों को नई जिंदगी दी है। ३५ वर्षीय मृतक सुरेश (परिवर्तित नाम) रविवार शाम जब सडक़ पार कर रहा था तो तेज गति से आ रहे एक दोपहिया से उसकी टक्कर हो गई।


घटना रामनगर के केंपय्यनपाल्या गांव की है। आरआर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे बीजीएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। चिकित्सकों ने मंगलवार को उसे ब्रेन डेड प्रमाणित किया।
प्रदेश में हजारों ऐसे मरीज हैं जो अंगदान के इंतजार में जिंदगी और मौत के बीच हैं। अंगदान से इन मरीजों को बचाया जा सकता है। यह समझाने पर सुरेश की पत्नी ने उसके हृदय, यकृत, दोनों गुर्दा और कॉर्निया दान कर दिए।

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