उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें एचएएल कर्मचारी सहित कोई भी भाग ले सकता है। वह केवल एचएएल कर्मचारियों से मिलने नहीं आ रहे हैं। हालांकि, इससे पहले कहा जा रहा था कि राहुल गांधी कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधित करेंगे लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इससे इनकार किया। दिनेश ने एक दिन पहले कहा था कि राहुल गांधी एचएएल जाएंगे और वहां कर्मचारियों से विवादास्पद रफाल सौदे पर बातचीत करेंगे। इससे पहले एचएएल ने कहा कि राहुल के एचएएल दौरे या कर्मचारियों से मुलाकात के संबंध में उसे कोई सूचना नहीं मिली है।
इस बीच, रफाल सौदे और उससे एचएएल को होने वाले नुकसान के विरोध में शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से एचएएल कार्यालय तक मोमबत्ती मार्च निकाला जाएगा जिसमें राहुल गांधी के शामिल होने की बात कही जा रही है। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। उधर, इस मुद्दे पर भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि रफाल मुद्दे पर भ्रष्टाचार साबित करने में नाकाम होने के बाद राहुल गांधी इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे है।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता एस.प्रकाश ने कहा कि राहुल गांधी अब इसमें बेवजह एचएएल का नाम घसीट रहे हैं। एचएएल कर्मचारियों से मिलना या उन्हें संबोधित करना कुछ और नहीं बल्कि राहुल गांधी की राजनीतिक अवसरवादिता है। एचएएल के पास पर्याप्त आर्डर है और वह रफाल ऑफसेट सौदा नहीं मिलने से तनिक भी परेशान नहीं है। लेकिन, कांग्रेस अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए एचएएल कर्मचारियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंड्रे ने कहा कि रफाल ऑफसेट सौदे से एचएएल को बाहर कर केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की इस बड़ी विमान निर्माता कंपनी के साथ धोखा किया है। इससे हजारों युवा नौकरी से वंचित हुए हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार को राहुल गांधी एचएएल के पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों से मुखाबित होंगे और कंपनी की क्षमता, योग्यता व देश के विकास में उसके योगदानों पर चर्चा करेंगे। वह प्रदेश कांग्रेस की ओर से आयोजित विरोध रैली में भी शिरकत करेंगे।