राहुल गांधी ने सभी नेताओं को आपसी मतभेद खत्म कर एकजुट रहने, कोई भी फैसला लेने से पहले सबको विश्वास में लेने और सार्वजनिक रूप से पार्टी को मुश्किल में डालने वाले बयान नहीं देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस विषय पर कोई भी बयान नहीं दे। इस मुद्दे पर किसी के समर्थन में बात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसकी फिक्र छोड़ कर पहले पार्टी को बहुमत दिलाएं।
उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों की नियुक्ति कर उन्हें जिम्मेदारी देने का सुझाव भी दिया।
बैठक में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रचार समिति के अध्यक्ष एचके पाटिल, चार कार्याध्यक्ष, कई पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रमुख विधायक उपस्थित थे।
कांग्रेस विपक्ष का दायित्व निभाने में असफल : अश्वथ
बेंगलूरु. विधानमंडल सत्र के दौरान कांग्रेस का बर्ताव दोनों सदनों मे आपत्तिजनक था। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ सीएन अश्वथनारायण ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के बावजूद डीके शिवकुमार पद की गरिमा भूलकर ग्रामीण विकास पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा से सदन में ही हाथापाई करने के इरादे से सत्ता पक्ष की बैंचों की ओर बढ़े थे। ऐसा नजारा विधानसभा में इससे पहले कभी नहीं देखा गया। तब भाजपा के कई सदस्यों ने ईश्वरप्पा को घेर लिया जिस कारण शिवकुमार की ईश्वरप्पा पर हमलेे की मंशा विफल रही थी।
उन्होंने कहा कि विधान परिषद में भी नेता प्रतिपक्ष बीके हरिप्रसाद का बर्ताव कांग्रेस की मानसिकता को उजागर कर रहा था। बीके हरिप्रसाद जैसे वरिष्ठ नेता भी डीके शिवकुमार की राह पर चलते नजर आए। कांग्रेस के अडिय़ल रुख के कारण सत्र का तीन दिन पहले समापन करने की नौबत आई। कांग्रेस नेताओं से ऐसे अपरिपक्व बर्ताव की अपेक्षा नहीं थी।
उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते राज्य की सिंचाई तथा पेयजल आपूर्ति योजना की अनदेखी करने वाली कांग्रेस अब ऐसी योजनाओं के लिए पदयात्रा निकाल कर आगामी चुनाव में सत्ता में वापसी के सपने देख रही है। राज्य सरकार मैकेदाटू परियोजना के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।