scriptसावधान, कभी भी ढह सकती है कोटा बैराज की पुलिया! | Kota Barrage Dam Damaged | Patrika News

सावधान, कभी भी ढह सकती है कोटा बैराज की पुलिया!

locationबैंगलोरPublished: Jul 04, 2017 09:12:00 am

Submitted by:

shailendra tiwari

मध्यप्रदेश व राजस्थान की साढ़े छह लाख हैक्टेयर भूमि को सिंचित करने वाले चम्बल नदी पर बने कोटा बैराज बांध की सुरक्षा भगवान भरोसे है।

मध्यप्रदेश व राजस्थान की साढ़े छह लाख हैक्टेयर भूमि को सिंचित करने वाले चम्बल नदी पर बने कोटा बैराज बांध की सुरक्षा भगवान भरोसे है। 1960 में बने इस बांध की मरम्मत नहीं होने से बांध साल-दर साल कमजोर होता जा रहा है।
यह भी पढ़ें
नींद की झपकी पड़ी इतनी भारी की सोनी पड़ी मौत की नींद

बैराज की मरम्मत के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा हर साल राज्य सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाता है, लेकिन विभाग गेटों की रूटीन मरम्मत, रखरखाव के लिए नाममात्र का बजट जारी करता है। इससे बांध के गेटों, लोहे के रस्सों की ठीक तरीके से ऑयल-ग्रीसिंग भी नहीं हो पाती। 
यह भी पढ़ें
बंद होगा कोटा का चिड़ियाघर, जयपुर जाएगी बाघिन महक

अभी भी बांध के लोहे के रस्सों के तार जर्जर हो चुके हैं। पर्याप्त बजट के अभाव में इन्हें बदला भी नहीं जा रहा। बरसात से पूर्व रूटीन मरम्मत के दौरान जो लोहे के तार पानी में डूबे रहते हैं। उन्हें ऊपर नीचे कर दिया जाता है, ताकि जंग नहीं लगे। विभागीय अभियंताओं की मानें तो कई लोहे के तार अवधि पार हो चुके हैं। 
यह भी पढ़ें
कोटा से हुआ दो साल के बच्चे का अपहरण, आरोपी गिरफ्तार

जर्जर पुल पर दौड़ते भारी वाहन

बैराज अति संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। यहां वाहनों का आवागमन तो दूर आमजन की आवाजाही भी वर्जित रहती है। बैराज पर बना पुल जर्जर हो चुका है। इसकी रेलिंग जगह-जगह से टूटी हुई है। इसके बावजूद भी पुल से रोजाना सैकड़ों वाहन फर्राटे मारते हैं। पुल से ट्रेचिंग ग्राउंट में कचरा डालने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली, कार, जीप हल्के चार पहिया वाहन गुजरते हैं।
स्लूज गेट बने साख का सवाल

बैराज पर 19 मुख्य गेट व दो स्लूज गेट हैं। स्लूज गेट बांध के पैंदे में जमा गंदगी, कीचड़, मलबे की निकासी के लिए खोले जाते हैं। कोटा बैराज के दोनों स्लूज गेट अब तक सिर्फ एक बार ही (1991-92 में) खोले गए। उसके बाद बांध के पैंदे में इतनी भारी मात्रा में पत्थर, मिट्टी, कीचड़ जम गया कि गेट को खोलना अब अभियंताओं के लिए टेड़ी खीर है। 
यह भी पढ़ें
चाचा ने भतीजे पर पिस्टल से किया फायर, कूलर के पीछे छिपकर बचाई जान

गत वर्ष सिंचाई मंत्री डॉ. रामपाल ने स्लूज गेट खुलवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभियंताओं ने यह कहते हुए हाथ खड़े कर दिए कि स्लूज गेट खोलते समय बंद नहीं हुए तो विभाग के लिए आफत बन सकते हैं। पूरा बांध खाली हो सकता है। एेसे में बाद में मध्यप्रदेश को सिंचाई जल देने में परेशानी खड़ी हो सकती है। इन गेटों को खोलने के लिए बाहर की कम्पनियों को भी बुलाया गया, लेकिन कोई काम के लिए तैयार नहीं हुआ। 
विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा 

बैराज की सुरक्षा के लिए जिला व पुलिस प्रशासन को पत्र लिखा जाएगा। बैराज की फुल मरम्मत के लिए विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। मानसून पूर्व मरम्मत के लिए जो बजट आता है, उससे गेटों की मरम्मत की जा चुकी है। अभी मुझे आए एक सप्ताह ही हुआ है। ज्यादा जानकारी नहीं है।
हेमंत शर्मा, एक्सईएन, बैराज, जल संसाधन विभाग 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो