रेलवे ने कुलियों को सहायक तो बनाया,
बैंगलोरPublished: Aug 28, 2023 04:15:45 pm
सुविधा नहीं दीं


रेलवे ने कुलियों को सहायक तो बनाया,
योगेश शर्मा बेंगलूरु. रेलवे ने जमाने का बोझा ढोने वाले कुलियों का पदनाम तो बदल दिया लेकिन सुविधाओं में कोई खास इजाफा नहीं किया। इसलिए देश भर के कुली आज भी सुविधाओं के लिए दर-दर के मोहताज हैं। हाल ये है कि रेलवे ने कोरोना के बाद कुलियों को यूनिफॉर्म भी नहीं दी है जबकि यूनिफॉर्म बाबत पांच रुपए की रसीद हर माह काटी जा रही है। रेलवे के उच्चाधिकारियों का कहना है कि अगले एक-दो महीनों में सभी कुलियों को यूनिफॉर्म उपलब्ध करा दी जाएगी। जानकारी के अनुसार दक्षिण पश्चिम रेलवे के क्षेत्राधिकार वाले मैसूरु, हुब्बल्ली और बेंगलूरु के स्टेशनों पर करीब साढ़े छह सौ कुली यात्रियों का सामान उठाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। वर्ष 2020 में आई कोरोना महामारी ने कुलियों को दाने-दाने को मोहताज कर दिया था। जैसे-तैसे कुलियों ने खुद को संभाला और करीब तीन माह बाद ट्रेनें फिर से शुरू होने पर कुछ रोजगार की आस बंधी।