scriptबाल तस्करी रोकने में रेलवे की अहम भूमिका : सत्यार्थी | Railway plays key role in preventing child trafficking: Satyarthi | Patrika News

बाल तस्करी रोकने में रेलवे की अहम भूमिका : सत्यार्थी

locationबैंगलोरPublished: Apr 27, 2018 01:12:13 am

Submitted by:

Sanjay Kumar Kareer

बाल तस्करी के खिलाफ अभियान रेल पुलिस तथा रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के सहयोग के बिना संभव नहीं

Bangalore, Karnataka
बेंगलूरु. दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) द्वारा गुरुवार को बच्चों के बचाव पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसे नोबेल विजेता और बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने संबोधित किया।

सत्यार्थी ने कहा कि बाल तस्करी के खिलाफ अभियान में सभी वर्गों का सशक्त समर्थन मिला है और रेलवे पुलिस तथा रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के सहयोग के बिना यह संभव नहीं हो सकता है। उन्होंने रेल पुलिस और आरपीएफ के इस दिशा में निरंतर सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बाल तस्करी रोकना न सिर्फ पुलिस और आरपीएफ का काम है बल्कि यह नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने में सहभागिता सुनिश्चित करें और बाल तस्करों के खिलाफ सक्रिय हों।
उन्होंने बताया कि बाल तस्करी रोकथाम के खिलाफ तब तक कोई अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं था जब तक उन्होंने इसके खिलाफ वैश्विक मुहिम नहीं चलाया था। हालांकि बाद में दुनिया के 103 देशों के 15 करोड़ से ज्यादा लोग इस मुहिम में जुड़े और अंतत: अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठनों ने भी साथ दिया, जिसके परिणाम स्वरूप वैश्विक स्तर पर बाल तस्करी रोकने में बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि उनकी इस पहल से अब तक 103 मिलियन बच्चों को तस्करी से मुक्त कराया जा चुका है और वे चाहते हैं कि बाल तस्करी का पूरी तरह से खात्मा हो।
इसके पूर्व कार्यक्रम के आरंभ में दपरे के मुख्य संरक्षा आयुक्त डी.बी. कासर ने सभी का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित दपरे के महाप्रबंधक ए.के. गुप्ता ने बाल तस्करी पर रोक लगाने की महत्ता पर प्रकाश डाला और कैलाश सत्यार्थी के कार्यों की प्रशंसा की। इस अवसर पर रेल पहिया कारखाना यलहंका की आरपीएफ सुरक्षा आयुक्त देबस्मिता चट्टोपाध्याय ने दपरे के नन्हें फरिश्ते अभियान के तहत पिछले 250 दिनों में 650 लड़के और 90 लड़कियों को बचाने के लिए सम्मान ग्रहण किया।
मैसूरु मंडल में आरपीएफ का विशेष अभियान

दपरे के मैसूरु मंडल में आरपीएफ ने यात्रियों को सुरक्षित और भय मुक्त यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए पिछले कुछ समय के दौरान विशेष अभियान चला रखा है। नतीजतन, वर्ष 2018 में मार्च तक 2767 को रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था और छह लाख तीस हजार और पचास रुपए जुर्माना राशि वसूली गई। इसके अतिरिक्त 19 किन्नरों पर भी जुर्माना लगाया जो ट्रेनों में यात्रियों से पैसे वसूलते थे।
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