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मानसून से निपटने के लिए रेलवे चाक चौबंद

locationबैंगलोरPublished: May 26, 2022 08:43:11 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

दपरे महाप्रबंधक ने बैठक कर अधिकारियों को दिए निर्देश

मानसून से निपटने के लिए रेलवे चाक चौबंद

मानसून से निपटने के लिए रेलवे चाक चौबंद

बेंगलूरु. दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) ने आगामी मानसून सीजन से निपटने की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य बारिश के सीजन में रेलवे की संपत्ति, मानव जीवन और ट्रेन सेवाओं को होने वाले नुकसान से बचाना है। हुब्बल्ली मंडल के कैसल रॉक से कुलेम और मैसूरु मंडल के सकलेशपुर से सुब्रह्मण्य रोड घाट सैक्शन पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां हर मानसून में भारी से बहुत भारी वर्षा होती है।
दपरे के महाप्रबंधक संजीव किशोर ने बुधवार को मानसून की तैयारियों संबंधित सभी कार्यों की समीक्षा की। मानसून की तैयारी के कार्यों में वर्षा जल निकासी, साइड ड्रेन, कैच वाटर ड्रेन, ब्रिज वेंट वे और रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) के लिए ड्रेनेज की व्यवस्था, ढीले बोल्डर को हटाना, पेड़ों को काटना/ट्रिम करना और पोर्टर केबिन की स्थापना शामिल है।
सभी जोड़ों को ठीक से शामिल किया गया है, पानी के किसी भी ठहराव से बचने के लिए विशेष रूप से यार्ड में ट्रैक क्षेत्र से पानी की निकासी सुनिश्चित की गई है। सभी प्रकार के नालों को उचित ढलानों और साफ आउटलेट के साथ बनाया गया है ताकि बारिश में ट्रेनों के संचालन को प्रभावित न करे।
अधिकारियों ने दपरे में रेलवे प्रभावित कार्यों और रेलवे प्रभावित टैंकों का निरीक्षण किया है। सभी संवेदनशील स्थानों/पुलों का संबंधित अनुभाग इंजीनियरों द्वारा निरीक्षण किया गया है और एहतियाती उपाय किए गए हैं। दपरे के मुख्य पुल अभियंता ने सभी 3 मंडलों में मानसून की तैयारियों की समीक्षा की है। चिन्हित संवेदनशील पुलों और स्थानों पर उनके पहुंच मार्ग पर नाम बोर्ड लगाए गए हैं और चौकीदारों की तैनाती की भी व्यवस्था की गई है। गर्डर ब्रिज के एप्रोच पर भी ठीक से ध्यान दिया गया है। दक्षिण पश्चिम रेलवे के अधिकारियों ने पेड़ के लिए एक सर्वेक्षण किया और ट्रैक के आसपास मौजूद कमजोर पेड़ों को काटने/छंटने का काम किया जा रहा है। चिन्हित स्थानों पर बोल्डर, सैंड और खाली सीमेंट बैग का स्टॉक किया गया है। बोल्डर, कंकरीट/बजरी/कस्तूरी का स्टॉक वैगनों में तैयार रखा गया है और भूस्खलन, दरारों, बाढ़ आदि को रोकने के लिए बाढ़ संभावित स्थानों के पास रखा गया है (तिनईघाट-15 वैगन और कुलेम- हुब्बल्ली मंडल में 15 वैगन, सकलेशपुर में 25 वैगन, सुब्रह्मण्य रोड-मैसूर मंडल में 20 वैगन रखे गए हैं।
लोंडा, कैसल रॉक, कैरंजोल, दूधसागर, सोनलियम, कुलेम, सकलेशपुर और सुब्रह्मण्य रोड पर खुदाई करने वालों को तैनात किया गया है ताकि भूस्खलन आदि होने पर ट्रैक को जल्दी से ठीक किया जा सके। दुर्घटना राहत ट्रेन और दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन को इंजीनियरिंग सामग्री के निर्धारित पैमाने के साथ हर समय तैयार रखने के निर्देश दिए हंै। सडक़ वाहनों, मोटर ट्रॉलियों को अच्छी स्थिति में रखने को कहा है ताकि राहत सामग्री और लोगों को तत्काल स्थान पर पहुंचाया जा सके। व्यवधान की स्थिति में ट्रेन सेवाओं की त्वरित बहाली सुनिश्चित की जा सके।
मौसम विज्ञान विभाग से जारी मौसम बुलेटिनों की निगरानी की जाएगी। स्टेशन मास्टरों, ट्रैकमेन और इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल और सिग्नल/टेलीकॉम रखरखाव कर्मचारियों को सतर्क करने के लिए स्टेशनों को समय पर मौसम की चेतावनी प्रसारित की जाएगी। इंजीनियरिंग अधिकारियों ने विस्तार से निरीक्षण किया है और ट्रेन सेवाओं, रेलवे संपत्ति और जीवन को नुकसान को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय किए हैं। आपदा प्रबंधन योजना के निर्देश सभी स्तरों पर कर्मचारियों को दे दिए गए हैं। बैठक में हुब्बल्ली, बेंगलूरु और मैसूरु मंडल के मंडल रेल प्रबंधकों ने बैठक में भाग लिया।
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